दक्षिण चीन सागर के नियमों में तीसरे पक्ष के वैध हितों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं होना चाहिए: भारत

भारत ने पूर्वी एशिया के एक सम्मेलन में बृहस्पतिवार को दक्षिण चीन सागर में शांति, स्थायित्व तथा नौवहन एवं उड़ान की स्वतंत्रता को बरकरार रखने में अपने हितों को रेखांकित किया.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली, 25 जून : भारत ने पूर्वी एशिया के एक सम्मेलन में बृहस्पतिवार को दक्षिण चीन सागर में शांति, स्थायित्व तथा नौवहन एवं उड़ान की स्वतंत्रता को बरकरार रखने में अपने हितों को रेखांकित किया. भारत ने कहा कि इस क्षेत्र के लिए जिन नियमों पर चर्चा हो रही है उसमें तीसरे पक्ष के बैध हितों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए और यह ‘यूनाइडेट नेशंस कन्वेंशन आन द लॉ आफ सी (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप होना चाहिए.

‘ईस्ट एशिया सम्मिट सीनियर अफिशियल्स मीटिंग’ (ईएएस एसओएम) में सचिव (पूर्व) रीवा गांगुली दास, वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये शामिल हुईं जहां उन्होंने यह बयान दिया. यह भी पढ़ें : MP Vaccination Campaign: मध्य प्रदेश के वैक्सीनेशन महा अभियान में एक दिन में निकला 73 लाख किलो चिकित्सकीय कचरा

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में बताया कि इस बैठक में ईएएस मंच को और मजबूती प्रदान करने तथा इसे और प्रभावी बनाने पर चर्चा हुई.

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