Morbi Bridge Collapse: कुछ युवकों ने पुल हिलाया, कर्मचारियों को बताया लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया: व्यक्ति का दावा
Morbi Bridge Collapse

मोरबी (गुजरात), 30 अक्टूबर: अहमदाबाद के रहने वाले विजय गोस्वामी और उनके परिवार के लोग मोरबी में हुए पुल हादसे में बाल-बाल बच गए. गोस्वामी पूरे परिवार के साथ रविवार को हुए भीषण हादसे से कुछ घंटे पहले ही पुल पर गए थे, लेकिन युवकों द्वारा केबल पुल हिलाए जाने के कारण वह नीचे उतर आए. Gujarat: मोरबी हादसे में अब तक 141 की मौत, सेना और NDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी. 

हालांकि, कुछ घंटों बाद उनका डर सही साबित हुआ और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र मच्छु नदी पर बना केबल पुल शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया. हादसे में कम से कम 141 लोगों की मौत हो गई है.

गोस्वामी ने कहा कि जब वह और उनका परिवार पुल पर था तो कुछ युवक जानबूझ कर पुल को हिला रहे थे, उस कारण पुल पर लोगों का चलना भी दूभर हो रहा था. चूंकि गोस्वामी को लगा कि इससे खतरा हो सकता है, वह और उनका परिवार पुल से नीचे उतर आए. उन्होंने बताया कि इसके बारे में उन्होंने पुल के कर्मचारियों को भी सूचना दी, लेकिन उन्होंने उसे नजरअंदाज कर दिया. ब्रिटिश काल में बना यह पुल मरम्मत के बाद चार दिन पहले ही लोगों के लिए खुला था.

गोस्वामी ने कहा कि वह दीवाली की छुट्टियों में परिवार के साथ मोरबी आए थे. अहमदाबाद पहुंचने के बाद गोस्वामी ने पत्रकारों को बताया, ‘‘पुल पर बहुत भीड़ थी. जब मैं और मेरा परिवार वहां पहुंचे तो कुछ युवक जानबूझकर पुल को हिला रहे थे. लोगों के लिए बिना सहारे के उसपर खड़ा होना मुश्किल था. चूंकि मुझे लगा कि यह खतरनाक साबित हो सकता है, मैं पुल पर कुछ दूर चढ़ने के बाद ही परिवार के साथ नीचे उतर आया.’’

उन्होंने कहा, ‘‘वहां से जाने से पहले मैंने ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी को लोगों को पुल हिलाने से रोकने को भी कहा. लेकिन, उन्हें सिर्फ टिकट बेचने में दिलचस्पी थी और उन्होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने का कोई उपाय नहीं है. हमारे वहां से जाने के कुछ ही घंटे बाद हमारा डर सच हो गया और पुल टूट गया.’’

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में कुछ युवकों को पुल के केबल को लात मारते और दूसरे लोगों को डराने के लिए पुल को हिलाते देखा जा सकता है. मौके पर मौजूद कई बच्चों ने पत्रकारों को बताया कि पुल गिरने के बाद उनके परिवार के सदस्य या माता-पिता अभी तक लापता हैं.

दस साल के एक बच्चे ने बताया, ‘‘बहुत भीड़ थी, तभी पुल अचानक टूट गया. मैं बच गया क्योंकि मैंने एक रस्सी पकड़ ली थी और फिर धीरे-धीरे उससे ऊपर आ गया. लेकिन मेरे मम्मी-पापा अभी भी लापता हैं.’’

हादसे में बालबाल बचे मेहुल रावल ने बताया कि पुल जब टूटा उस वक्त उसपर करीब 300 लोग खड़े होंगे. मोरबी के अस्पताल में भर्ती रावल ने वहीं पत्रकारों को बताया, ‘‘जब हम पुल पर थे, तभी वह अचानक बीच से दबने लगा. सभी लोग नीचे गिर गए. कई लोग मर गए जबकि कई लोग घायल हो गए. पुल पर बहुत ज्यादा लोग थे, इसलिए वह गिर गया.’’

वहीं, एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘‘कुछ ही दिन पहले लोगों के लिए फिर से खोले गए पुल पर करीब 300 लोग रहे होंगे. ज्यादातर हताहत बच्चे हैं, क्योंकि वे सभी दीवाली की छुट्टियों में आए थे. स्थानीय लोग तत्काल मौके पर पहुंचे और जितना संभव हो सका लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला.’’ हादसे के बाद मोरबी के सभी हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग राहत एवं बचाव के लिए मौके पर पहुंच गए.

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