सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में लगे प्रतिबंध को हटाने से किया इनकार, कहा- मामला संवेदनशील, सरकार को समय मिले
बता दें कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार हर दिन जम्मू कश्मीर के स्थिति का जायजा ले रही है. ऐसे में स्थिति सामान्य होने का इंतजार किया जाए. और मानवाधिकार का कोई हनन नहीं हो रहा. इस दौरान अटॉर्नी जनरल से सुप्रीम कोर्ट ने ये कब तक चलेगा. जिसके जवाब में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि स्थिति सामान्य होगी, व्यवस्था भी सामान्य हो जाएगी. उन्होंने कहा कि साल 1999 से जम्मू कश्मीर में अब तक हिंसा में 44 हजार लोग मारे गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में धारा 144 हटाने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला संवेदनशील है. ऐसे में सरकार को सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा स्थति की समीक्षा कर रही है. आर्टिकल 370 (Article 370) हटाने के बाद सरकार ने राज्य में तमाम तरह के बैन लगा रखे हैं. राज्य में प्रतिबंध और कर्फ्यू हटाए जाने तथा संचार सेवा बहाल करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये बातें कही.
बता दें कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार हर दिन जम्मू कश्मीर के स्थिति का जायजा ले रही है. ऐसे में स्थिति सामान्य होने का इंतजार किया जाए. और मानवाधिकार का कोई हनन नहीं हो रहा. इस दौरान अटॉर्नी जनरल से सुप्रीम कोर्ट ने ये कब तक चलेगा. जिसके जवाब में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि स्थिति सामान्य होगी, व्यवस्था भी सामान्य हो जाएगी. उन्होंने कहा कि साल 1999 से जम्मू कश्मीर में अब तक हिंसा में 44 हजार लोग मारे गए हैं.
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गौरतलब हो कि अनुच्छेद 370 रद्द करने के केंद्र सरकार के निर्णय और कानून-व्यवस्था की समस्या के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आधा दर्जन याचिकाएं दाखिल की गई थी, जिसमें से चार महज 24 घंटों में दाखिल की गई हैं. तीन याचिकाएं राष्ट्रपति के आदेश से अनुच्छेद 370 को संविधान में एक मृत पत्र बना देने के खिलाफ दाखिल की गई. अन्य याचिकाएं कर्फ्यू और क्षेत्र में उसके परिणाम के संदर्भ में दाखिल की गई थी.