SC/ST एक्ट: सवर्णों के भारत बंद से पहले मध्य प्रदेश में पुलिस अलर्ट पर, कई जिलों में धारा 144 लागू
देशभर में केंद्र सरकार द्वारा एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन को लेकर विरोध जारी है. इस बीच संशोधन के खिलाफ करीब 35 सवर्ण संगठनों द्वारा भारत बंद के ऐलान के बाद मध्यप्रदेश के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है.
भोपाल: देशभर में केंद्र सरकार द्वारा एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन को लेकर विरोध जारी है. इस बीच संशोधन के खिलाफ करीब 35 सवर्ण संगठनों द्वारा भारत बंद के ऐलान के बाद मध्यप्रदेश के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है. गौरतलब हो कि सवर्ण समुदाय मोदी सरकार द्वारा एसएसी/एससी एक्ट में संशोधन को लेकर गुस्से में हैं. इसलिए 6 सितंबर को भारत बंद का ऐलान भी किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 1989 में बने एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुनाए गए फैसले को संसद में एक विधेयक के जरिए बदले जाने के कारण मोदी सरकार विरोध का सामना कर रही है. लोकसभा में गत 6 अगस्त को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक, 2018 पारित किया गया था. इस संशोधन के जरिए सर्वोच्च न्यायालय का वह आदेश निष्प्रभावी किया गया, जिसके तहत एससी/एसटी अत्याचार निवारण के मामले में आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने इस अधिनियम के तहत 47 अपराधों को शामिल किया, जो कि पहले सिर्फ 22 थे.
सवर्ण संगठनों द्वारा बुलाये गए भारत बंद से पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार सतर्क हो गई है. SC-ST एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सतना, भिंड, शिवपुरी, ग्वालियर और अन्य जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है. यह सात सितंबर तक प्रभावी रहेगी.
मध्यप्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) मकरंद देउस्कर ने बताया, ‘‘भारत बंद के मद्देनजर प्रदेश के सभी 51 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं.’’ SC-ST एक्ट में संशोधन के खिलाफ BJP नेता का इस्तीफा
मध्य प्रदेश में SC/ST एक्ट के खिलाफ सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) के द्वारा शुरू किया गया आंदोलन धीरे-धीरे भारत के कई राज्यों में फैलता जा रहा है. जिसके चलते प्रशासन भी सतर्क पर है. प्रशासन को डर है कि अगर इसके विरोध में दलित समुदाय भी प्रदर्शन करता हैं तो हिंसा भड़क सकती है. उल्लेखनीय है कि एससी/एसटी एक्ट में संसोधन किए जाने के विरोध में सवर्ण समाज, करणी सेना, सपाक्स क्षत्रिय महासभा, गुर्जर महासभा, परशुराम सेना एवं अन्यों द्वारा छह सितंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया गया है.
बता दें कि इस संशोधन के खिलाफ ना केवल केंद्रीय मंत्रियों बल्कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के कई नेताओं का घेराव हाल ही के दिनों में किया गया. इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पथराव का सामना करना पड़ा. बीजेपी और कांग्रेस में कई नेता इस संशोधन का विरोध कर रहे है.