नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप कांड पर देश की सर्वोच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए नीतीश सरकार को जमकर लताड़ लगाई है. मंगलवार को मुजफ्फरपुर केस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा कि बिना संस्था की असलियत जाने सरकारी पैसा क्यों दिया गया. बता दें कि बालिका गृह में बच्चियों से रेप हुआ था.
सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामलें में जांच में हुई देरी पर नाराजगी जताई है. न्यायालय ने बिहार सरकार व केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी किया है. कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा कि आखिर क्यों नहीं इन बाल गृहों की पहले जांच की गई.
“राज्य सरकार 2004 से तमाम शेल्टर होम को पैसा दे रही है, लेकिन उनको पता ही नहीं है कि वहां क्या हो रहा है. उन्होंने कभी वहां निरीक्षण करने की भी जरूरत नही समझी. ऐसा लगता है कि ये गतिविधियां राज्य प्रायोजित हैं. यह सोचने का विषय है.”
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि आज महिलाओं के साथ हर जगह रेप हो रहा है. राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर छह घंटे में एक महिला के साथ बलात्कार होता है. साल 2016 में भारत में 38,947 महिलाओं के साथ रेप के मामले दर्ज किए गए थे. कोर्ट ने भारत में बलात्कार की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की जांच को लेकर पूछा है कि किसी बड़े अधिकारी पर अबतक एक्शन क्यों नहीं लिया गया. कोर्ट ने कहा जिन अफसरों ने लापरवाही बरती है उनके साथ क्या किया गया. कोर्ट ने इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है.
गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक गैर सरकारी संगठन द्वारा संचालित बालिका गृह में 34 नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म का मामला उजागर हुआ था. इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के अलावा करीब 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.