सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक पति की आरोपमुक्ति की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अगर पत्नी ने कई सालों तक क्रूरता के बारे में कोई शिकायत नहीं की तो भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए के तहत शिकायत को जायज नहीं ठहराया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मामले में, महिला ने कथित तौर पर शादी के 12 साल बाद खुदकुशी कर ली, जिसके बाद उसके पिता ने पति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498 ए और 306 के तहत शिकायत दर्ज कराई. अपनी शिकायत में महिला के पिता ने आरोप लगाया कि उसकी आत्महत्या से एक साल पहले, उसके पति ने उसके सोने के गहने बेच दिए थे, जो उसे स्त्रीधन के रूप में दिए गए थे. शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि जब उसकी बेटी ने गहने वापस मांगे तो उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. यह भी पढ़ें: HC On Child Custody: मां से बच्चे को दूर रखना मानसिक क्रूरता है, बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
IPC की धारा 498A पर सुप्रीम कोर्ट:
Merely Because Wife Didn't File Complaint Under S.498A IPC For Many Years Doesn't Mean There Was No Cruelty By Husband : Supreme Court#SupremeCourt #Section498AIPC https://t.co/ktmiDqJddA
— Live Law (@LiveLawIndia) December 12, 2024
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