लखनऊ: दिव्यांग भिखारी चलाता था सेक्स रैकेट, नाबालिग बच्चियां भागे न इसलिए लगाई थी अफीम की लत
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo-Facebook)

एक 55 वर्षीय दिव्यांग भिखारी जिसे देख कर किसी को भी दया आ जाए. उसकी कद काठी और शक्ल को देखकर कोई अंदाजा ही नहीं लगा सकता कि ये शख्स इतना क्रूर और शातिर हो सकता है. गुरूवार को राजधानी लखनऊ में एक सेक्स रैकेट का भांडाफोड़ हुआ और इस सेक्स रैकेट का सरगना निकला दिव्यांग भिखारी. जी हां गुरूवार को पुलिस ने विजय बद्री उर्फ बंगाली को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब आरोपी के चंगुल से छूटकर दो 15-16 साल की लडकियां और 14 साल के दो लड़कों को बाराबंकी के बादशाहनगर रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध हालत में पाया गया. उस दौरान पेट्रोलिंग पर निकले आरपीएफ कर्मचारी की नजर उन बच्चों पर पड़ी. दो लड़कियों के साथ जब उन्होंने दो लड़कों को देखा और उन्हें रोका तो लड़के डरकर भाग गए. जिसके बाद पूछताछ में लड़कियों ने सारे राज उगल दिए.

पूछताछ में दोनों बच्चियों ने बताया कि, 'मुंशी पुलिया से 1090 चौराहे के बीच बच्चों से भीख मंगवाने वाले दिव्यांग विजय बद्री के लिए काम करती है. विजय उन्हें इंदिरानगर के चान्दन गांव में रखकर जिस्मफरोशी करवाता है. दोनों बच्चियां बिहार और असम की हैं. बच्चियों ने पुलिस को बताया कि जब वे शाम को सह समय पर अड्डे पर नहीं पहूंचती हैं तो विजय खुद उन्हें ढूंढने के लिए निकल जाता हैं.

यह भी पढ़ें: बिहार के भोजपुर में बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, कई नेताओं से जुड़े हैं तार

इस बात का फायदा उठाकर पुलिस ने बच्चियों को बादशाहनगर रेलवे स्टेशन पर ही छोड़ दिया और खुद छुप गए. आरोपी विजय उन्हें ढूंढते हुए रेलवे स्टेशन पहुंचा और पुलिस ने उसे धर दबोचा. सख्ती से पूछताछ पर विजय ने बताया कि, 'जो बच्चियां जिस्मफरोशी से इनकार करती हैं उन्हें सिगरेट से जलाता हूं, ब्लेड से घायल करता हूं और दो-दो दिन तक भूखा रखता हूं. आरोपी ने ये भी बताया कि वो बच्चियों को खाने में अफीम मिलाकर देता था ताकि नशे की लत की वजह से बच्चियां कहीं भाग न पाए.