रीवा लोकसभा सीट: ब्राह्मण बाहुल्य सीट पर बीजेपी रचेगी इतिहास, फिर होगा त्रिकोणीय मुकाबला ?

लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में देश के सात राज्यों के कुल 51 निर्वाचन क्षेत्रों में सोमवार को होने वाले मतदान से 48 घंटे पहले शुक्रवार शाम को चुनाव प्रचार खत्म हो गया.

रीवा लोकसभा सीट (File Photo)

भोपाल: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के पांचवें चरण में देश के सात राज्यों के कुल 51 निर्वाचन क्षेत्रों में सोमवार को होने वाले मतदान से 48 घंटे पहले शुक्रवार शाम को चुनाव प्रचार खत्म हो गया. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पांचवें चरण में सात लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. इनमें से एक रीवा (Rewa) निर्वाचन क्षेत्र भी है. ब्राह्मण बाहुल रीवा संसदीय सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना अधिक है.

रीवा लोकसभा सीट साल 1951 में अस्तित्व में आया. बीजेपी ने यहां से अपने वर्तमान सांसद जनार्दन मिश्रा पर फिर से भरोसा जताते हुए दोबारा मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने सिद्धार्थ तिवारी को टिकट दिया है. वहीं बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के विकास पटेल चुनावी रण में उतरे है. इस सीट पर संपन्न हुए लगभग सभी चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबला देखा गया है. रीवा संसदीय सीट पर कांग्रेस को सबसे अधिक 6 बार जीत दर्ज कर चुकी है. जबकि बीजेपी और बीएसपी 3-3 बार विजयी हुई है.

रीवा का 2014 में हाल-

जनार्दन मिश्रा (बीजेपी)- 3 लाख 83 हजार 320 वोट

सुंदरलाल तिवारी (कांग्रेस)- 2 लाख 14 हजार 594 वोट

देवराज सिंह पटेल (बीएसपी)- 1 लाख 75 हजार 567 वोट

जातिगत समीकरण के तहत कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल अधिकांश ब्राह्मण चेहरे को यहां से टिकट देते है. रीवा लोकसभा सीट पर कांग्रेस अंतिम बार 1999 में जीती थी. हालांकि रीवा का अब तक का इतिहास रहा है कि यहां से कोई भी लगातार दो बार सांसद नहीं चुना जाता.

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