Republic Day 2021: सार्वजनिक मंच से गणतंत्र दिवस पर दिये जाने वाले भाषण का अंश, यहां पढ़ें विस्तार से

सार्वजनिक मंच से गणतंत्र दिवस पर दिये जाने वाले भाषण का अंश, यहां पढ़ें विस्तार से

गणतंत्र दिवस समारोह (File Photo)

Republic Day 2021: अगर आपको गणतंत्र दिवस पर किसी सार्वजनिक मंच से भाषण देने के लिए आमंत्रित किया जाये तो आप भाषण के इस अंश से मदद ले सकते हैं. मान्यवर, मुख्य अतिथि, सोसायटी के सभासदों, प्रिय साथियों, माताओं, बहनों एवं बच्चों.आज आपने इस सार्वजनिक मंच से गणतंत्र दिवस जैसे पावन राष्ट्रीय पर्व पर दो शब्द बोलने का अवसर देकर हमें जो गौरव प्रदान किया है, उसके लिए हम आपके आभारी हैं. मित्रों, सर्वप्रथम आप सभी को गणतंत्र दिवस की बहुत सारी शुभकामनाएं अर्पित करता हूं. मित्रों, हम सभी हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. 15 अगस्त 1947 के दिन हमारा देश आजाद हुआ था.

इसके लगभग ढाई साल बाद 26 जनवरी 1950 को हमारे देश को प्रजातांत्रिक गणतंत्र का दर्जा प्राप्त हुआ था. अकसर कुछ लोगों के मन में दुविधा उत्पन्न होती है, कि जब 15 अगस्त के दिन हमने स्वतंत्रता दिवस मना लिया तो 26 जनवरी को एक बार पुनः आजादी का जश्न मनाने का क्या औचित्य है? मित्रों, यह सच है कि 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों ने भारत को हमेशा के लिए आजाद कर दिया था, हम खुली हवा में सांस ले सकते थे. लेकिन आजादी मिलने के बाद भी हम अंग्रेजों के बनाये कानून को ढो रहे थे. यानी अंग्रेज चले गये, लेकिन उनका संविधान हमारे रास्ते में संपूर्ण आजादी में रुकावट बना रहा. किसी भी देश का विकास तभी संभव होता है, जब उसका अपना संविधान हो, अपना कानून हो, कार्य करने न करने की स्वतंत्रता हो. इसके लिए हमारा अपना संविधान, अपना कानून का होना आवश्यक था. हमारे संविधान ने हमें वह अधिकार दिलाया कि हम स्वतंत्रता और स्वेच्छा से अपने प्रिय एवं योग्य उम्मीदवार को चुन सकें, जो देश की बागडोर पकड़ने की सामर्थ्य रखता हो, जो आम लोगों को न्याय दिलाने, उनके लिए विकास का मार्ग प्रशस्त करने की योग्यता रखता हो. जो एक स्वस्थ एवं सशक्त राष्ट्र बनाने का जज्बा रखता हो. यह भी पढ़े: Republic Day 2021: 72वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने देश को किया संबोधित, यहां पढ़े पूरा भाषण

गणतंत्र दिवस का आशय समझने से पहले हमें 'गणतंत्र' का मूल अर्थ जानना बहुत जरूरी है. 'गणतन्त्र' यानी 'गण+तंत्र' इसका शाब्दिक अर्थ है, 'जनता के द्वारा जनता के लिये निर्मित शासन'. हमारे देश का मौलिक संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था. इसके बाद ही हमारा देश एक गणतंत्र देश बन सका. इस दिन से हमारे देश का अपना कानून अपना संविधान लागू हुआ. इस संविधान को बनाने में लगभग ढाई वर्ष लगे. देश के महान कर्णधारों की सहमति, सहयोग और कड़ी मशक्कत के बाद यह संविधान बना.

आपको बता दूं कि इस संविधान के निर्माण के लिए 9 दिसंबर 1947 को संविधान सभा बनाया गया. इस संविधान सभा के प्रमुख सदस्यों में थे, पं. जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद इत्यादि. 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन में यह संविधान बना. 26 नवम्बर 1949 को सविधान सभा ने इसे पारित किया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. ब्रिटिश संविधान से अलग अपना संविधान बनने की खुशी को हम हर वर्ष 26 जनवरी के दिन सेलीब्रेट करने के लिए यहां एकत्र होते हैं. इस दिन की खास बात यह है कि इस महान राष्ट्रीय पर्व को सभी जाति एवं वर्ग के लोग मिलकर मनाते हैं. चलते-चलते एक महत्वपूर्ण बात आपसे शेयर करना चाहूंगा.

भाइयों एवं बहनों, गणतंत्र दिवस एक महान राष्ट्रीय पर्व है, जिसें हमें पूरी श्रद्धा एवं शिद्दत से मनाना चाहिए. लेकिन आपने देखा होगा कि गत वर्ष पूरी दुनिया कोरोनावायरस की महामारी से जूझ रही थी. इस महामारी ने करोड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया. यद्यपि कोरोना वायरस पर नियंत्रण रखने वाला वैक्सीन लोगों तक पहुंचने लगा है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी भी हम कोरोनावायरस से पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं. इसलिए बेहतर होगा कि हम सब अभी भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें. अब आप सभी हमारे साथ मिलकर नारा लगायें भारत माता की जय, जय जवान, जय किसान, जय संविधान

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