कोरोना से जारी जंग के बीच आर्थिक फ्रंट पर अच्छी खबर, 2021-22 में GDP वृद्धि का अनुमान 10.5% पर बरकरार
देशभर में कोरोना वायरस के मामलों में हो रही लगातार वृद्धि से सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है. इस बीच आर्थिक मोर्चे को लेकर एक राहतभरी खबर आई. केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को 10.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.
नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों में हो रही लगातार वृद्धि से सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है. इस बीच आर्थिक मोर्चे को लेकर एक राहतभरी खबर आई. केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को 10.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर रखने की घोषणा की. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक मैं लिए गए फैसलों की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि हाल में कोविड-19 संक्रमण में बढ़ोतरी ने आर्थिक वृद्धि दर में सुधार को लेकर अनिश्चितता पैदा की है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा, ताकि उत्पादक क्षेत्रों को कर्ज आसानी से मिले.
आईबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि रेपो रेट को 4 फीसदी पर और रिवर्स रिपो रेट को 3.35 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला लिया गया है. इस दौरान उन्होंकोविड-19 महामारी के प्रकोप को रोकने और आर्थिक सुधारों पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकाता पर बल दिया.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वृद्धि को समर्थन देने तथा मुद्रास्फीति को लक्षित स्पर पर बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक उदार मौद्रिक नीति को जारी रखेगा. रिजर्व बैंक ने पंजाब में गेहूं खरीद के लिये नकद ऋण सीमा मद में 21,000 करोड़ रुपये को मंजूरी दी
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने नीतिगत दरों पर लगातार पांचवीं बार यथास्थिति बरकरार रखा है. रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालीन ऋण मुहैया करवाता है. वहीं, रिवर्स रेट पर वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों से जमा प्राप्त करता है.