WhatsApp पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त, ग्रुप एडमिन पर भी होगी कार्रवाई
सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले यूजर अब सावधान हो जाईए. झारखंड पुलिस ने सोशल मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप जैसे अन्य जगहों पर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त करवाई की चेतावनी दी है. इसके साथ ही पुलिस ने ग्रुप एडमिन को भी आगाह किया है.
रांची: सोशल मीडिया (Social Media) पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले यूजर अब सावधान हो जाईए. झारखंड (Jharkhand) पुलिस ने सोशल मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप (WhatsApp) जैसे अन्य जगहों पर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त करवाई की चेतावनी दी है. इसके साथ ही पुलिस ने ग्रुप एडमिन को भी आगाह किया है.
रांची पुलिस ने व्हॉट्सऐप, फेसबूक जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले लोगों से अपील की है कि ऐसा कोई भी पोस्ट दूसरों के साथ शेयर न करें, जिससे सांप्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो. न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने रांची पुलिस का एक पत्र साझा किया है. इसमें लिखा है, 'व्हॉट्सऐप ग्रुप तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के एडमिन तथा सदस्यों से आग्रह किया जाता है कि ऐसे पोस्ट शेयर न करें, जिनसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़े. ऐसी किसी ही पोस्ट का पता चलने पर एडमिन तथा संबद्ध सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'
पुलिस ने कहा है कि पोस्ट में ऐसी कोई सामग्री नहीं होनी चाहिए जो धार्मिक भावनाओं या सामाजिक सद्भाव को ठेस पहुचाएं. यदि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार के टेक्स्ट मैसेज, फोटो, ऑडियो और वीडियो क्लिप पोस्ट करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.
गौरतलब हो कि झारखंड उच्च न्यायालय ने सरायकेला में हुई कथित ‘मॉब लिंचिंग’ और इसके बाद रांची के डोरंडा तथा एकरा मस्जिद के पास उपद्रव की घटनाओं पर सरकार से कल विस्तृत रिपोर्ट तलब की. सरायकेला में 28 जून को मोहम्मद तबरेज नामक युवक पर चोरी का आरोप लगाते हुए भीड़ ने उसकी पिटाई कर दी थी. बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया गया था. पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उसकी मौत हो गई थी.
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इस घटना को लेकर कई दिनों तक देश की संसद में भी हंगामा हुआ. एक जनहित याचिका के अनुसार झारखंड में 18 मार्च 2016 से अब तक ‘मॉब लिंचिंग’ में 18 लोगों की जान जा चुकी है.