जयपुर, 18 जून : राजस्थान (Rajasthan) के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि ऑक्सीजन उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान जल्द ही आत्मनिर्भर बन जाएगा. प्रदेश के चिकित्सा मंत्री ने इसकी जानकारी दी . मंत्री ने कहा कि राज्य में विभिन्न संस्थानों द्वारा लगाए जा रहे ऑक्सीजन (Oxygen) उत्पादन संयंत्रों तथा अन्य उपकरणों के जरिए आने वाले दिनों में लगभग 1000 टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकेगा. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि दूसरी लहर में सबसे ज्यादा परेशानी ऑक्सीजन को लेकर देखने में आई. इससे निजात पाने के लिए सरकार ऑक्सीजन उत्पादन के लिये पुख्ता इंतजाम कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न जगहों पर लगाए जा रहे ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर के जरिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकेगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बच्चे प्रभावित हो सकते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी बच्चों के अस्पतालों के नीकू, पीकू, एसएनसीयू और एमसीएच को सुदृढ़ करने के लिए विभाग काम कर रहा है.’’ उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से राज्य में कोरोना की दूसरी लहर का असर तेजी से कम हो रहा है. प्रदेश में रिकवरी रेट 98 फीसद से ज्यादा तक पहुंच गई है. चिकित्सा मंत्री ने बताया कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रदेश के 350 से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का चयन कर वहां मेडिकल सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इन केंद्रों पर ऑक्सीजन व अन्य उपकरणों की की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 21 जून से 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाने की घोषणा की गई है लेकिन राज्य सरकार तो 100 करोड़ से ज्यादा की धनराशि खर्च कर इस आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण एक मई से ही कर रही है. यह भी पढ़ें :Andhra Pradesh Curfew: आंध्र प्रदेश में 21 जून से शाम 6 बजे तक कोविड कर्फ्यू में ढील
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा वैक्सीनेशन का पूर्ण सदुपयोग किया जा रहा है. प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग के वैक्सीनेशन में जीरो प्रतिशत और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वैक्सीनेशन में केवल 0.7 प्रतिशत वेस्टेज है, जबकि केंद्र सरकार द्वारा 10 प्रतिशत तक वेस्टेज अनुमत है. उन्होंने कहा कि राज्य में चिकित्सा विभाग के 18000 वैक्सीनेशन केंद्र हैं और पर्याप्त स्टोरेज कैपेसिटी भी है. चिकित्सा विभाग एक दिन में लगभग 15 लाख डोज लगाने की क्षमता भी रखता है. यदि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को पर्याप्त मात्रा में डोज उपलब्ध कराई जाती है तो विभाग राज्य के लोगों का निर्बाध और समयबद्ध रूप से टीकाकरण कर सकता है.