Live-in Relationship: राजस्थान हाईकोर्ट ने 'लिव इन' में रह रही शादीशुदा महिला पर लगाया जुर्माना, अवैध संबंध करार देते हुए पुलिस सुरक्षा देने से किया इंकार
राजस्थान हाईकोर्ट की एक जज की बेंच ने एक पुरुष और एक विवाहित महिला के बीच लिव-इन संबंध को अवैध करार दिया है. हाईकोर्ट ने 12 अगस्त को महिला को पुलिस सुरक्षा देने से भी मना कर दिया. महिला का आरोप है कि वह घरेलू हिंसा की शिकार थी जिसके बाद उसने अपने पति का घर छोड़ दिया.
जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) की एक जज की बेंच ने एक पुरुष और एक विवाहित महिला के बीच लिव-इन संबंध को अवैध करार दिया है. हाईकोर्ट ने 12 अगस्त को महिला को पुलिस सुरक्षा देने से भी मना कर दिया. महिला का आरोप है कि वह घरेलू हिंसा की शिकार थी जिसके बाद उसने अपने पति का घर छोड़ दिया. दिल्ली: शादी का प्रस्ताव ठुकराने पर व्यक्ति ने महिला और उसकी बेटी पर किया चाकू से हमला
इसी महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी दूसरे व्यक्ति के साथ 'लिव इन' संबंध में रह रही एक शादीशुदा महिला की उसके पति से सुरक्षा की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. 5 अगस्त को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, “हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पहले से विवाहित और कानून का पालन करने वाला कोई भी व्यक्ति अवैध संबंध के लिए इस अदालत से सुरक्षा की मांग नहीं कर सकता क्योंकि अवैध संबंध इस देश के सामाजिक ताने बाने के दायरे में नहीं आता.” इस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि वह ऐसे व्यक्तियों को सुरक्षा देने के खिलाफ नहीं हैं जो अन्य समुदाय, जाति के व्यक्ति के साथ रहना चाहते हैं.
कोर्ट ने महिला और उसके साथी द्वारा दायर याचिका खारिज करते हुए उन पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया. अदालत ने किसी तरह की सुरक्षा भी देने से मना कर दिया क्योंकि यह एक तरह से ऐसे अवैध संबंधों को सहमति देने जैसा होगा.
तब भी महिला ने आरोप लगाया था कि उसका पति उसे मारा पीटा करता था जिसकी वजह से उसने उसे छोड़ दिया और अपने साथी के साथ रहना शुरू कर दिया. लेकिन हाल ही में उसका पति उसके साथी के घर में घुस गया और उनके शांतिपूर्ण जीवन में बाधा उत्पन्न की.
कोर्ट ने महिला के पति के साथ उसके मतभेदों के आरोपों पर कहा “यदि अनीता का अपने पति से कोई मतभेद है तो उसे सबसे पहले अपने पति से अलग होने के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनानी चाहिए थी.”