लोकसभा चुनावों से पहले बढ़ी कांग्रेस की दिक्कत, राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे गुर्जर
आंदोलन (Photo Credits: PTI)

जयपुर: लोकसभा चुनाव के दिन नजदीक आने के साथ ही राजस्थान (Rajasthan) में एक बार फिर गुर्जर (Gujjar) आरक्षण का मुद्दा गर्माने जा रहा है. राजस्थान में गुर्जरों ने बीस दिन बाद आंदोलन की चेतावनी दी है. जिसके चलते नवनिर्वाचित गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है. ऐसे में अगर बात नहीं बनती है तो एक बार फिर गुर्जर आंदोलन से राजस्थान को सुलगने से कोई नहीं रोक पाएगा.

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक किरोड़ी सिंह बैंसला ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान सरकार गुर्जर आरक्षण पर 20 दिन में स्थिति स्पष्ट करें नहीं तो आंदोलन शुरू किया जायेगा. राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि गुर्जर आरक्षण के लिये खंडार में 27 जनवरी, नैंनवां में एक फरवरी, अजमेर में पांच फरवरी और दौसा में 13 फरवरी को गुर्जर समाज के लोगों की पंचायत की होगी.

इसके साथ ही बैंसला ने अति पिछडा वर्ग के कर्मचारियों से आंदोलन में सहयोग करने का आग्रह किया है. बता दें कि पिछली बार के गुर्जर आरक्षण आंदोलन की वजह से राज्य में भारी नुकसान हुआ था. एक रिपोर्ट के अनुसार गुर्जर आरक्षण की वजह से तक़रीबन 145 करोड़ रुपए की सरकारी संपत्ति जबकि निजी क्षेत्र को 13 हजार 500 करोड़ रूपए से ज्यादा का नुकसान हुआ था.

गौरतलब है कि गुर्जर समाज ओबीसी (OBC) का वर्गीकरण कर पांच फीसदी अलग से आरक्षण की मांग कर रहा है. मौजूदा समय में गुर्जर समाज को एमबीसी (मोस्ट बैकवर्ड क्लास) के तहत एक फीसदी का आरक्षण लाभ दिया जा रहा है.