Rajasthan BJP Reshuffle: बीजेपी ने अपनी शीर्ष टीम में किया फेरबदल
राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में छह महीने से भी कम समय बचा है, ऐसे में भाजपा ने अपनी राज्य इकाई में बड़े फेरबदल की घोषणा की है
जयपुर, 3 जुलाई: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में छह महीने से भी कम समय बचा है, ऐसे में भाजपा ने अपनी राज्य इकाई में बड़े फेरबदल की घोषणा की है इसके तहत अलवर सांसद महंत बालक नाथ को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है नाथ ओबीसी यादव समुदाय से हैं, जिन्होंने 2018 के लोकसभा चुनावों में अलवर से कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को हराया था. यह भी पढ़े: Rajasthan: सचिन पायलट के करीबी सुभाष महरिया ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, आज BJP में होंगे शामिल
राजे के आलोचक विधायक मदन दिलावर, जो पिछली कार्यकारिणी में थे, को नवीनतम सूची से हटा दिया गया है दिलावर को राजे के कार्यकाल के दौरान दरकिनार कर दिया गया था, लेकिन पूर्व राज्य भाजपा प्रमुख सतीश पूनिया के समय में उन्हें वापस शामिल कर लिया गया था इस बीच, भाजपा की राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने पदाधिकारियों की सूची में अपना स्थान बरकरार रखा है.
बीजेपी सूत्रों ने बताया कि नए नाम सोशल इंजीनियरिंग समीकरणों को देखते हुए शामिल किए गए हैं नई 29 सदस्यीय सूची में 11 प्रदेश उपाध्यक्ष, पांच महासचिव, 11 सचिव, एक कोषाध्यक्ष और एक सह-कोषाध्यक्ष हैं पार्टी नेताओं ने कहा, चुनाव से ठीक पहले सोशल इंजीनियरिंग हासिल करने के लिए'' 29 सदस्यीय कार्यकारी समिति में ओबीसी, एमबीसी, एससी और एसटी पर जोर दिया गया है
यहां यह बताना जरूरी है कि राजस्थान में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैंयह कदम सी.पी. जोशी के प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष का पद संभालने के तीन महीने बाद आया है नई भाजपा राज्य कार्यकारिणी उस कार्यकारिणी के बाद है, जो 2020 में सतीश पूनिया के कार्यकाल के दौरान गठित की गई थी, जिन्होंने 2019 और 2023 के बीच समिति का नेतृत्व किया था.
सूची में ओबीसी और एमबीसी (सबसे पिछड़ा वर्ग) नेताओं के साथ-साथ जाट, गुज्जर, यादव, बिश्नोई, कुमावत और सैनी जातियों के नाम शामिल किए गए हैं और इसी तरह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के नाम भी शामिल हैं.
चुनाव से ठीक पहले सोशल इंजीनियरिंग हासिल करने के लिए पिछड़ी जातियों, एससी और एसटी पर जोर दिया गया है पार्टी सूत्रों ने कहा, कुछ नए उपाध्यक्षों में टोंक-सवाई माधोपुर के सांसद सुखबीर जौनापुरिया, जो गुर्जर समुदाय से हैं, पूर्व सांसद सी.आर. चौधरी और संतोष अहलावत- दोनों जाट - और पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी शामिल हैं, इनमें से कुछ पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थक हैं.