नेपाल में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन, मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 43, 2 हजार लोगों को बचाया गया

नेपाल में मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलनों से मरने वालों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है, जबकि 21 लोग लापता हैं और 26 अन्य घायल हुए हैं. मंत्रालय ने साथ ही बताया कि शनिवार शाम तक 2 हजार लोगों को बचाया गया है. मोरांग में उफनती बखराहा, लोहंद्रा, जूडी, सिंघिया और केशलिया नदियों का पानी आसपास की बस्तियों में घुस गया है जिसके चलते करीब 4 हजार लोग विस्थापित हो गए हैं.

नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन का कहर (Photo Credits:ANI)

काठमांडू :नेपाल में मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलनों से मरने वालों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है, जबकि 21 लोग लापता हैं और 26 अन्य घायल हुए हैं . अधिकारियों ने रविवार को यह आंकड़े जारी किए. काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने आंकड़ों की पुष्टि की है. मंत्रालय ने साथ ही बताया कि शनिवार शाम तक 2 हजार लोगों को बचाया गया है.

मौसम पूर्वानुमान विभाग के सिमारा स्टेशन के आंकड़ों से पता चला है कि गुरुवार शाम से इस हिमालयी देश में भारी बारिश हो रही है जो कि बारिश के बदलते पैटर्न का सूचक है. आंकड़ों में यह भी कहा गया कि देश में कम अवधि में काफी बारिश हो रही है जो कि एक असामान्य घटना है और जो धीरे-धीरे नई सामान्य घटना बनती जा रही है.

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सिमारा स्टेशन में सबसे अधिक बारिश हुई है. मौसम पूर्वानुमान विभाग के अनुसार, गुरुवार शाम से 24 घंटे की अवधि में सिमारा में 311.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. पिछली बार सिमारा स्टेशन में 24 घंटों में इतनी ज्यादा बारिश 16 जुलाई को 1978 में हुई थी जब 266.4 मिलीमीटर बारिश हुई थी.

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कई जिलों में शनिवार को मूसलाधार बारिश होने के कारण बाढ़ और भूस्खलनों से भारी तबाही हुई है. राजधानी काठमांडू के कई हिस्से बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गए हैं. मोरांग में उफनती बखराहा, लोहंद्रा, जूडी, सिंघिया और केशलिया नदियों का पानी आसपास की बस्तियों में घुस गया है जिसके चलते करीब 4 हजार लोग विस्थापित हो गए हैं.

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