बड़ी लापरवाही: रेलवे ने शख्स को दिया 1000 साल आगे का टिकट, कोर्ट ने सुनाया यह फैसला
अदालत ने पांच साल बाद फैसला सुनाते हुए रेलवे को रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. विष्णु कांत शुक्ला को 10 हजार रुपए का हर्जाना और 3 हजार रुपए अतरिक्त मुवाजा देने को आदेश दिया
नई दिल्ली. भारत की लगभग 75 फीसदी आबादी एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए रेलवे से सफर करना पसंद करती है. लेकिन इसमें सफर करना इतना सरल नहीं होता है. क्योंकि सीजन में कंफर्म टिकट समय पर मिलना मुश्किल रहता है. लेकिन अगर मिले और वो भी एक हजार साल बाद का मिले तो. आप भी रेलवे की इस लापरवाही देखने के बाद हैरान हो जाएंगे. सहारनपुर में रेलवे ने रिजर्वेशन काउंटर ने एक शख्स को एक हजार साल बाद का टिकट दे दिया है.
ऐसी हैरान कर देने वाली घटना सहारनपुर के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. विष्णु कांत शुक्ला के साथ घटी. दरअसल विष्णु कांत शुक्ला ने नवंबर महीने में 2013 में रिजर्वेशन काउंटर से हिमगिरी एक्सप्रेस का एसी थ्री टियर का टिकट बुक कराया था. लेकिन बुकिंग के बाद उन्हें जो टिकट मिला उसपर 2013 की जगह पर 1000 साल बाद की डेट लिखी थी. यानी टिकट 3013 का दे दिया.
वहीं सफर के दौरान जब विष्णु कांत की टिकट को रेलवे के टीसी ने चेक किया तो उन्होंने 1000 साल बाद के इस टिकट को फर्जी करार दिया, जुर्माना वसूलने के बाद उन्हें ट्रेन से उतार भी दिया था. जिसके बाद उन्होंने रेलवे के खिलाफ उपभोक्ता कोर्ट में जाकर शिकायत की. वहीं इस मामले पर अदालत ने पांच साल बाद फैसला सुनाते हुए रेलवे को रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. विष्णु कांत शुक्ला को 10 हजार रुपए का हर्जाना और 3 हजार रुपए अतरिक्त मुआवजा देने का आदेश दिया.