नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ट्रेनों में मिलनेवाले भोजन और खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता को लेकर सजग हो गई है. इसी क्रम में भारतीय रेलवे ने यात्रियों को स्वच्छ खाना नहीं देनेवाले 16 कैटरर्स का अनुबंध समाप्त कर दिया है. हाल ही में रेल यात्रा के दौरान परोसे जाने वाले खाने के प्रति यात्रियों में जागरूक लाने के लिए नया मोबाइल एप 'मेन्यू ऑन रेल्स' लांच किया गया है.
राज्यसभा में शुक्रवार को रेल राज्य मंत्री राजन गोहेन ने इस बात की जानकारी दी. राजेन गोहेन ने कहा कि रेलवे ने वित्त वर्ष 2018 में खराब गुणवत्ता और स्वच्छता सहित खानपान सेवाओं में विभिन्न चूक के लिए इन कैटरर्स पर 4.87 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इसके अलावा ट्रेन में शौचालय से पानी भरकर चाय बनाने वाले एक वेंडर पर भी एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
ज्ञात हो कि ट्रेनों में भोजन की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) नए रसोईघर स्थापित करेगी और मौजूदा रसोईघरों को अपग्रेड करेगी. इसके लिए गत वर्ष 27 फरवरी को लागू नई नीति के अनुसार, रेलवे मंडलों को उनके द्वारा चलाए जा रहे रसोईघरों को आईआरसीटीसी को देने के आदेश दिए गए थे.
ट्रेन में खाने की क्वालिटी के साथ किसी भी तरह के समझौते से मंत्रालय ने पहले ही इनकार कर दिया था. आईआरसीटीसी ने कहा था कि ई-केटरिंग सेवा को प्रोत्साहित करने और रेल यात्रियों के लिए उनकी पसंद के स्थानीय व क्षेत्रीय व्यंजन परोसने के लिए उसने डिलीवरी सेवा साझेदार ट्रैपिगो को इस कार्य में शामिल किया है.
रेलवे केटरिंग एण्ड टुरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड का गठन रेल मंत्रालय द्वारा अपनी समस्त खानपान एंव पर्यटन गतिविधियों को नए निगम को सौंपने से मूल उद्देशय से किया गया था ताकि इन सेवाओ का व्यवसायीकरण और उन्नयन पब्लिक प्राइवेट साझेदारी के माध्यम से किया जा सके. भारतीय रेल का व्यापक कार्यक्षेत्र है तथा रोजाना लगभग 130 लाख यात्रियों को आतिथ्य एंव खानपान सेवाए उपलब्ध कराती है.