'Rail Roko' Agitation Enters 6th day: कृषि कानून के खिलाफ किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन जारी, बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की घोषणा

कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने अपना आंदोलन अब दो अक्टूबर तक जारी रखने का फैसला किया है. प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर टेंट लगाकर बैठे हुए हैं. समिति के महासचिव ने कहा, "1 अक्टूबर को हम राष्ट्र भर में अन्य लोगों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे."

अमृतसर: कृषि कानून (Farm Acts) के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. पंजाब-हरियाणा में किसान पिछले कई दिनों से कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. कृषि बिल के विरोध में किसान मजदूर संघर्ष समिति (Kisan Mazdoor Sangharsh Committee) का पंजाब (Punjab) के अमृतसर (Amritsar) में 'रेल रोको' (Rail Roko) आंदोलन जारी है. अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष समिति द्वारा रेल रोको आंदोलन का मंगलवार को छठवां दिन है. किसान मजदूर संघर्ष समिति ने कृषि बिल के विरोध में 24 से 26 सितंबर तक 'रेल रोको' आंदोलन चलाया था, लेकिन यह आंदोलन अभी भी जारी है.

कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने अपना आंदोलन अब दो अक्टूबर तक जारी रखने का फैसला किया है. प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर टेंट लगाकर बैठे हुए हैं. समिति के महासचिव ने कहा, "1 अक्टूबर को हम राष्ट्र भर में अन्य लोगों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे." यह भी पढ़ें | Farm Laws Row: कृषि बिल को लेकर घमासान जारी, कांग्रेस 2 अक्टूबर को करेगी 'किसान- मजदूर बचाओ दिवस' का आयोजन, देश भर में होगा विरोध प्रदर्शन. 

'रेल रोको' आंदोलन का छठवां दिन:

इससे पहले शुक्रवार को देशभर के किसानों ने कृषि बिल के विरोध में भारत बंद बुलाया था. कई राजनीतिक दल भी कृषि बिल को 'किसान-विरोधी' करार देते हुए किसानों के प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं. कांग्रेस कृषि कानून को लेकर लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी नें अपने एक ट्वीट में लिखा, "कृषि कानून हमारे किसानों के लिए मौत की सजा हैं. उनकी आवाज संसद के अंदर और बाहर कुचल दी गई है. ये इस बात का प्रमाण है कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है.'

बता दें कि कृषि बिल के लोकसभा और फिर राज्यसभा से पास होने के बाद किसानों का रेल रोको आंदोलन 24 सितंबर को शुरू हुआ था. पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में किसानों का मानना है कि इस कानून से एमएसपी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और खरीद का पूरा काम कंपनियों के हवाले हो जाएगा.

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