नई दिल्ली, 27 जुलाई: आलोचनाओं के बाद रेलवे (Railway) वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतें (Senior Citizen Concessions) बहाल करने पर विचार कर रहा है, लेकिन संभव है यह केवल सामान्य और शयनयान श्रेणी के लिए हो. यह जानकारी सूत्रों ने यहां दी. BSNL के आए 'अच्छे दिन', सरकार ने पुनरुद्धार के लिए दिए 1.64 लाख करोड़, BSNL-BBNL Merger को मिली मंजूरी
सूत्रों ने कहा कि यह भी संभव है कि आयु मानदंड में बदलाव कर दिया जाए और रियायती किराये की सुविधा 70 वर्ष से ऊपर के लोगों को मुहैया करायी जाए जो पहले 58 वर्ष की महिलाओं और 60 वर्ष के पुरुषों के लिए थी.
सूत्रों ने संकेत दिया है कि इसके पीछे मुख्य कारण बुजुर्गों के लिए सब्सिडी बरकरार रखते हुए इन रियायतों को देने से रेलवे पर पड़ने वाले वित्तीय भार का समायोजन करना है. एक सूत्र ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि ये रियायतें बुजुर्गों की मदद करती हैं और हमने कभी नहीं कहा कि हम इसे पूरी तरह से खत्म करने जा रहे हैं. हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं और इस पर फैसला लेंगे.’’
सूत्रों ने संकेत दिया कि रेलवे बोर्ड वरिष्ठ नागरिकों की रियायत के लिए आयु मानदंड में बदलाव करने और इसे केवल 70 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए मुहैया कराने पर विचार कर रहा है. यह रेलवे के दायित्वों को सीमित करेगा.’’
2020 में कोरोना वायरस महामारी के दौरान वापस लेने से पहले, वरिष्ठ नागरिक रियायत 58 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए थी. महिलाएं 50 प्रतिशत छूट के लिए पात्र थीं, पुरुष और ट्रांसजेंडर सभी श्रेणियों में 40 प्रतिशत छूट का लाभ उठा सकते थे.
रेलवे जिस एक और प्रावधान पर विचार कर रहा है, वह है रियायतों को केवल गैर-वातानुकूलित श्रेणी की यात्रा तक सीमित करना. एक सूत्र ने कहा, ‘‘तर्क यह है कि अगर हम इसे शयनयान और सामान्य श्रेणियों तक सीमित रखते हैं, तो हम 70 प्रतिशत यात्रियों को समायोजित कर लेंगे. ये कुछ विकल्प हैं जिन पर हम विचार कर रहे हैं और किसी भी चीज को अंतिम रूप नहीं दिया गया है.’’
रेलवे एक अन्य विकल्प पर भी विचार कर रहा है, वह यह है कि सभी ट्रेनों में 'प्रीमियम तत्काल' योजना शुरू की जाए. इससे उच्च राजस्व उत्पन्न करने में मदद मिलेगी, जो रियायतों के बोझ को वहन करने में उपयोगी हो सकता है. यह योजना फिलहाल करीब 80 ट्रेनों में लागू है.
प्रीमियम तत्काल योजना रेलवे द्वारा शुरू किया गया एक कोटा है जो कुछ सीटें गतिशील किराया मूल्य निर्धारण के साथ आरक्षित करता है. यह कोटा अंतिम समय में यात्रा की योजना बनाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए है जो थोड़ा अतिरिक्त खर्च करने को तैयार हैं. प्रीमियम तत्काल किराये में मूल ट्रेन किराया और अतिरिक्त तत्काल शुल्क शामिल होता है.
पिछले दो दशकों में रेलवे रियायत एक बहुचर्चित विषय रहा है, जिसे कई समितियों ने वापस लेने की सिफारिश की है. इसका नतीजा यह हुआ कि जुलाई 2016 में रेलवे ने बुजुर्गों के लिए रियायत वैकल्पिक बना दिया था.
विभिन्न प्रकार के यात्रियों को दी जाने वाली 50 से अधिक प्रकार की रियायतों के कारण रेलवे पर हर साल लगभग 2,000 करोड़ रुपये का भारी बोझ पड़ता है. वरिष्ठ नागरिक रियायत इसके द्वारा दी गई कुल छूट का लगभग 80 प्रतिशत होता है.
इससे पहले, रेलवे ने लोगों को वरिष्ठ नागरिक रियायत को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश की थी, लेकिन यह सफल नहीं हुआ. पिछले सप्ताह रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा था कि रियायतें देने की लागत रेलवे पर भारी पड़ती है. उन्होंने कहा था, ‘‘...विभिन्न चुनौतियों के मद्देनजर वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी श्रेणियों के यात्रियों को रियायतें देने का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है.’’
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