Disturbing VIDEO: हिमाचल प्रदेश में रैगिंग! जूनियर छात्र को बेल्ट से बुरी तरह पीटा, वीडियो वायरल होने के बाद 3 आरोपी गिरफ्तार
वीडियो में देखा जा सकता है कि पांच या छह छात्र एक कमरे में एकत्रित हैं. इनमें से दो छात्र एक जूनियर को एक कुर्सी पर बैठाते हैं और फिर बेल्ट और मुक्कों से उसकी पिटाई करते हैं, जबकि अन्य छात्र खड़े होकर यह दृश्य देख रहे हैं.
Ragging in the University: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के वांकाघाट क्षेत्र में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में रैगिंग का एक घिनौना मामला सामने आया है. एक जूनियर छात्र ने आरोप लगाया है कि उसे वरिष्ठ छात्रों द्वारा बुरी तरह से पीटा गया. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें आरोपित छात्रों को बेरहमी से पिटाई करते हुए देखा जा सकता है.
क्या है पूरी घटना?
वीडियो में देखा जा सकता है कि पांच या छह छात्र एक कमरे में एकत्रित हैं. इनमें से दो छात्र एक जूनियर को एक कुर्सी पर बैठाते हैं और फिर बेल्ट और मुक्कों से उसकी पिटाई करते हैं, जबकि अन्य छात्र खड़े होकर यह दृश्य देख रहे हैं. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इसके कैप्शन में लिखा गया है, "हिमाचल प्रदेश: जूनियर छात्र की रैगिंग," "बेल्ट, लात और घूंसे से पिटाई," और "तीनों छात्रों को विश्वविद्यालय से निष्कासित किया गया."
शिकायत और कार्रवाई
पीड़ित छात्र ने पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद एंटी-रैगिंग समिति ने मामले की जांच शुरू की. पुलिस शिकायत में छात्र ने बताया कि शनिवार (7 सितंबर) की रात दो छात्रों ने उसे बताया कि अन्य वरिष्ठ छात्र उसे बुला रहे हैं. जब उसने जाने से मना किया, तो उसे मजबूरन एक कमरे में खींच लिया गया. वहां उसे शराब पीने के लिए मजबूर किया गया और जब उसने मना किया, तो उसे शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं. एक उपयोगकर्ता ने कहा, "तीनों वरिष्ठ छात्रों को गिरफ्तार करना और विश्वविद्यालय से निष्कासित करना बिल्कुल सही कदम है. इससे अन्य छात्रों को भी यह सीख मिलेगी कि गुंडागर्दी के लिए कोई जगह नहीं है." एक अन्य उपयोगकर्ता ने कहा, "ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए." वहीं, कुछ ने तो जेल की सजा की मांग भी की है.
इस मामले ने समाज में रैगिंग के खिलाफ गहरी चिंता पैदा कर दी है और यह भी दर्शाया है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के बीच असामाजिक व्यवहार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है.