चंडीगढ़: पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी (Charanjit Channi) ने कहा कि भाजपा (BJP) की रैली में बमुश्किल 700 लोग आए और इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को 'अपना कदम वापस लेने' के लिए मजबूर होना पड़ा और बाद में सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए राज्य सरकार (State Government) पर दोष मढ़ दिया गया. पंजाब की राष्ट्रवादी साख पर सवाल उठाने वालों को चुनौती देते हुए, मुख्यमंत्री चन्नी ने स्पष्ट किया कि पंजाबियों ने कभी भी देश के लिए बलिदान देने से पीछे नहीं हटे और देश में किसी अन्य की तरह देशभक्त हैं. Punjab: पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक, 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा काफिला, फिरोजपुर की रैली भी स्थगित
प्रधानमंत्री द्वारा फिरोजपुर में भीड़ को संबोधित किए बिना वापस जाने की बुधवार की घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने माछीवारा कस्बे में कहा कि सच्चाई यह है कि रैली स्थल पर मुश्किल से 700 लोग ही पहुंचे, जिससे प्रधानमंत्री को वापस लौटना पड़ा.
उन्होंने कहा, "सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री की निर्धारित रैली से पांच दिन पहले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) ने लैंडिंग स्पॉट, रैली साइट और सुरक्षा डिटेल को अपने कब्जे में ले लिया था, लेकिन बाद में प्रधानमंत्री के काफिले ने अचानक लैंड रूट ले लिया." चन्नी ने कहा कि एसपीजी ने मार्ग को मंजूरी दे दी.
मुख्यमंत्री चन्नी ने पंजाब के विरोधियों से राज्य को बदनाम करना बंद करने को कहा. उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री के आसपास की खुफिया सामग्री क्या कर रही थी और क्या उन्होंने प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए किसी खतरे की धारणा को महसूस किया था. इसी तरह, मुख्यमंत्री ने पंजाब विरोधी ताकतों को बदले की राजनीति से दूर रहने को कहा और उन्हें इस पर विचार करने की सलाह दी कि लोग, खासकर किसान उन्हें क्यों पसंद नहीं करते हैं.