Punjab Civil Hospital's Negligence: सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही, ऑपरेशन के दौरान पेट में ही छोड़ी कैंची, महिला की मौत

पंजाब के एक सिविल अस्पताल की लापरवाही की वजह से एक 20 वर्षीय युवती की जान चली गई. कुछ दिनों पहले एक गर्भवती महिला ने मोगा के एक सिविल अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया था, लेकिन महिला की हालत गंभीर देखते हुए उसे सिविल अस्पताल मोगा से फरीदकोट रेफर कर दिया गया था.

प्रतीकात्मक तस्वीर(Photo Credit: Pixabay)

पंजाब के एक सिविल अस्पताल मोगा की लापरवाही की वजह से एक 20 वर्षीय युवती की जान चली गई. कुछ दिनों पहले एक गर्भवती महिला ने मोगा के एक सिविल अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया था, लेकिन महिला की हालत गंभीर देखते हुए उसे सिविल अस्पताल मोगा से फरीदकोट रेफर कर दिया गया था. लेकिन कल फरीदकोट में उसकी मृत्यु हो गई. अंतिम संस्कार के बाद जब उसकी अस्थियां उठाई जा रही थीं, तब उन्होंने पाया कि ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल की गई कैंची राख में मिली, जिसके बाद युवती के परिवार ने सिविल अस्पताल के कर्मचारी पर कार्रवाई की मांग की है.

वही सरकारी अस्पताल का कहना है कि युवती 6 तारीख को उनके पास आई थी और रविवार सुबह उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी, जिसके कारण उन्हें फरीदकोट रेफर किया गया था वहीं उसकी मौत हो गई थी. मामला सामने आने के बाद सहायक सिविल सर्जन ने मामले की जांच के लिए टीम बनाई है. सिविल अस्पताल मोगा का प्रशासन इसे फरीदकोट मेडिकल कालेज की गलती बता पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है, वहीं युवती के परिवार का कहना है कि डिलीवरी के समय ऑपरेशन मोगा अस्पताल में ही हुआ था और कैंची उसी दौरान पेट में छूटी थी.

बता दें कि गीता रानी को 6 नवंबर को प्रसव पीड़ा के दौरान सिविल अस्पताल लाया गया था. शुक्रवार रात को आठ बजे ऑपरेशन से गीता रानी ने बच्ची को जन्म दिया. शनिवार को उनके मुंह पर सूजन आ गई और पेट फूल गया. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने उसे फरीदकोट मेडिकल कालेज रेफर कर दिया, जहां उसकी 9 नवंबर की दोपहर मौत हो गई. पुलिस के अनुसार अस्थियों में पायी गेन कैंची ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल की जानेवाली कैंची है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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