चंडीगढ़, 20 जुलाई : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गठित समिति में राज्य को प्रतिनिधित्व नहीं देने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की. मान ने एक ट्वीट में कहा, मैं निंदा करता हूं कि केंद्र ने एमएसपी पर पैनल में पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं दिया जैसा कि किसानों से वादा किया गया था. पंजाब के किसान पहले से ही फसल चक्र और कर्ज में फंसे हुए हैं. एमएसपी हमारा कानूनी अधिकार है. केंद्र को एमएसपी कमेटी में पंजाब का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना चाहिए.
एक दिन पहले, किसान संगठनों के एक निकाय, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने घोषणा की कि केंद्र सरकार के 29 सदस्यीय पैनल में शामिल होने के लिए तीन प्रतिनिधियों को भेजने की उसकी कोई योजना नहीं है. एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएं. बता दें, एसकेएम ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन किया. केंद्र सरकार ने इस हफ्ते कृषि से संबंधित मुद्दों को देखने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की थी. यह भी पढ़ें : सरकार का वर्ष 2014 के बाद प्राकृतिक कारणों के अलावा गोदामों में अन्न खराब न होने का दावा
एक अधिसूचना जारी कर केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कहा, शून्य बजट आधारित खेती को बढ़ावा देने, फसल पैटर्न बदलने और एमएसपी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक समिति गठित की जाएगी. समिति में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और अर्थशास्त्रियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.