
पुणे: पुणे नगर निगम (PMC) ने प्राइवेट टैंकर ऑपरेटरों को दिए जाने वाले पानी की दरों में 5 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. इसका सीधा असर उन नागरिकों पर पड़ेगा जो पीने और घरेलू उपयोग के लिए निजी टैंकरों पर निर्भर हैं. महंगाई के इस दौर में यह बढ़ोतरी आम जनता के लिए एक और आर्थिक झटका बन सकती है. नगर निगम जिन इलाकों में खुद पर्याप्त पानी नहीं दे पाता, वहां टैंकरों के ज़रिए मुफ्त में पानी पहुंचाया जाता है. इन इलाकों में शामिल हैं; पर्वती, वडगांव शेरी, धायरी, रामटेकड़ी, चतुष्रुंगी, पद्मावती, पटवर्धन बाग. इन क्षेत्रों में वॉटर फिलिंग स्टेशन बने हैं, जहां से प्राइवेट टैंकर भी पानी भरते हैं.
नगर निगम का कहना है कि गर्मी के मौसम में टैंकरों की मांग तेजी से बढ़ रही है. मई में और बढ़ोतरी की संभावना है. इस दौरान पानी वितरण में खर्च बढ़ रहा है. महंगाई को देखते हुए यह कदम जरूरी हो गया था. इसी कारण, पानी भरने के लिए ली जाने वाली राशि में 5 फीसदी की वृद्धि की गई है.
पानी के टैंकर की दरों में 5 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद अब नई दरें तय की गई हैं. 10,000 लीटर क्षमता वाले टैंकर का पुराना रेट 666 रुपये था, जो अब बढ़कर 699 रुपये हो गया है. वहीं, 10,000 से 15,000 लीटर वाले टैंकर का रेट 1,048 रुपये से बढ़कर 1,101 रुपये हो गया है. 15,000 लीटर से अधिक क्षमता वाले टैंकर के लिए अब नागरिकों को 1,478 रुपये की जगह 1,552 रुपये चुकाने होंगे. इस वृद्धि के बाद संभावना है कि निजी टैंकर ऑपरेटर भी अपनी सेवाओं के शुल्क बढ़ा सकते हैं, जिससे आम जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा.
जनता पर असर क्या होगा?
जो लोग हर हफ्ते या महीने में टैंकर मंगवाते हैं, उनकी पानी पर खर्च बढ़ जाएगा. गर्मी के मौसम में जब जलसंकट गहराता है, तब यह बोझ और ज्यादा महसूस होगा. गरीब और मध्यम वर्ग के लिए यह खर्च और परेशानी का कारण बन सकता है.