जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद पूरा भारत दहल गया है. इस आतंकी हमले के बाद हर हिंदुस्तानी आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है. वहीं अमेरिका, रूस और फ्रांस समेत दुनिया के कई देशों ने पुलवामा हमले की कड़ी निंदा की है. अमेरिकी राजदूत ने इस आतंकी हमले पर ट्वीट कर लिखा कि, अमेरिका इस आतंकी हमले की कड़ी नींदा करता है. जवानों के परिजनों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं. वहीं रूस की तरह ही फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, टर्की, चेक रिपब्लिक के साथ ही भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव ने भी हमलों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया. इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 42 जवान शहीद हुए हैं. वहीं इस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान खामोश हैं. पाकिस्तान के अधिकारीयों ने सामन्य प्रक्रिया के बाद चुप्पी साध ली है. पाकिस्तान के आंतकी संगठन जैश-ए- मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. जिसके बाद इमरान कुछ बोल नहीं रहे हैं.
ऐसे हुआ था हमला
खबरों के मुताबिक एसयूवी चला रहे आत्मघाती हमलावर ने अपरान्ह करीब सवा तीन बजे अपने वाहन से सीआरपीएफ की बस में टक्कर मारी, जिससे बहरा कर देने वाला विस्फोट हुआ। घटना उस वक्त की है, जब 78 वाहनों के काफिले में 2,547 सीआरपीएफ जवान जम्मू के ट्रांजिट शिविर से श्रीनगर की ओर जा रहे थे. हमला इतना जबरदस्त था कि सीआरपीएफ बस के परखच्चे उड़ गए. माना जा रहा है कि बस में 39 जवान सवार थे. एक रिपोर्ट में कहा गया कि एसयूवी 200 किलो विस्फोटक से भरी हुई थी, जिसमें संभवत: आरडीएक्स भी हो सकता है.
केंद्र सरकार कर सकती है कार्रवाई
केंद्र सरकार गुरुवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर पाकिस्तान प्रायोजित जैश ए मोहम्मद द्वारा किए गये आतंकी हमले का बदला लेने वाली है. जिसके लिए शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की उच्चस्तरीय बैठक करेंगे. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सीसीएस की बैठक के बाद आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है.