पुलवामा में मुठभेड़ खत्म: 18 घंटे चले एनकाउंटर में जैश कमांडर गाजी राशिद सहित 3 आतंकी ढेर, 5 जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों (Terrorist) के बीच मुठभेड़ (Encounter) खत्म हो गया है. 18 घंटे से भी ज्यादा समय तक चले एनकाउंटर में कुल तीन आतंकी मारे गए है.

भारतीय सेना (Photo Credits: IANS)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों (Terrorist) के बीच मुठभेड़ (Encounter) खत्म हो गया है. 18 घंटे से भी ज्यादा समय तक चले एनकाउंटर में कुल तीन आतंकी मारे गए है. इसमें जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर गाजी राशिद उर्फ कामरान के अलावा एक स्थानीय कश्मीरी आतंकी ढेर हुआ है. साथ ही तीसरे आतंकी की पहचान जारी है. इसमें से आतंकी गाजी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आत्मघाती हमले का मास्टरमाइंड था. उधर मुठभेड़ में पांच जवान भी शहीद हुए है. ब्रिगेडियर, लेफ्टिनेंट कर्नल और साउथ कश्मीर के डीआईजी सहित पांच जवान घायल हुए है.

जानकारी के मुताबिक सुरक्षाबलों को इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने रात में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में पिंगलान इलाके की घेराबंदी की और तलाश अभियान शुरू किया. सेना के तलाश अभियान के दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे बीती रात 12 बजे से मुठभेड़ शुरू हुई. फिलहाल सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया है.

मेजर डीएस ढोढियाल, हेड कॉन्स्टेबल सेवराम, सिपाही अजय कुमार, सिपाही हरि सिंह और सिपाही गुलजार अहमद 

ताजा जानकारी के अनुसार एनकाउंटर में मेजर डीएस ढोढियाल, हेड कॉन्स्टेबल सेवराम, सिपाही अजय कुमार, सिपाही हरि सिंह और सिपाही गुलजार अहमद शहीद हुए है. एक उच्च अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में काफी आतंकी संगठन सक्रिय हैं और आने वाले समय में इनके खिलाफ तेजी से अभियान चलाये जाएंगे.

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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि मुठभेड़ में एक मेजर और तीन जवान शहीद हुए हैं जबकि एक नागरिक मारा गया है. मार गिराए गए स्थानीय आतंकी की पहचान बिलाल अहमद नाइक उर्फ राशिद भाई के रूप में हुई है. मौके पर अभी एक आतंकी के और छुपे होने की आशंका जताई जा रही है.

बताया जा रहा है कि यह एनकाउंटर पुलवामा आत्मघाती हमलें से बमुश्किल 10 किलोमीटर दूर है. इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हुए थे. श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी जेईएम ने ली थी. जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला था.

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