ट्रिपल तलाक अध्यादेश पर राष्ट्रपति कोविंद ने लगाई मुहर, तलाक-ए-बिद्दत फिर बना दंडनीय अपराध

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को तीन तलाक सहित कुल चार अध्यादेश को मंजूरी दी है. जिसके बाद से तीन तलाक अध्यादेश साल भर से कम अवधि में तीसरी बार लागू हो गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: PTI)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को तीन तलाक (Triple Talaq) सहित कुल चार अध्यादेश को मंजूरी दी है. जिसके बाद से तीन तलाक अध्यादेश (Triple Talaq Ordinance) साल भर से कम अवधि में तीसरी बार लागू हो गया है.

जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति से तीन तलाक के अलावा मेडिकल काउंसिल अध्यादेश, कंपनी अध्यादेश और अनियमित जमा (पोंजी स्कीम्स) अध्यादेशों को मंजूरी मिली है. तीन तलाक अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद एक बार में तीन तलाक बोलकर वैवाहिक रिश्ता तोड़ लेना अवैध बन गया है. इस अपराध के लिए पति को तीन साल की जेल की सजा का प्रावधान रखा गया है.

मंगलवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने तीन तलाक का अध्यादेश फिर से जारी करने को मंजूरी दी थी. सितंबर 2018 में जारी पूर्व के अध्यादेश की जगह लाये गये विधेयक को लोकसभा ने पारित कर दिया था. यह विधेयक राज्यसभा में काफी समय से लंबित है.

प्रस्तावित कानून के तहत, एक बार में तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) गैरकानूनी और शून्य होगा और ऐसा करने पर पति को तीन साल की सजा होगी. यह अध्यादेश 22 जनवरी से निष्प्रभावी हो गया था.

एक अध्यादेश की समयावधि छह महीने की होती है. लेकिन कोई सत्र शुरू होने पर इसे विधेयक के तौर पर संसद से 42 दिन यानि छह सप्ताह के भीतर पारित कराना होता है, वरना यह अध्यादेश निष्प्रभावी हो जाता है. अगर विधेयक संसद में पारित नहीं हो पाता है तो सरकार अध्यादेश फिर से ला सकती है.

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