नागपुर: आरएसएस के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज नागपुर में शामिल होंगे. वहीं आरएसएस के कार्यक्रम के जाने की खबर के बाद से कांग्रेस में सुगबुगाहट जारी है. इस कार्यक्रम में प्रणव दा का जाना कांग्रेस की विचारधारा के विपरीत माना जा रहा है. वहीं देश यह जानने के लिए उत्सुक है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय में अपने संबोधन के दौरान आखिर क्या कहेंगे. बता दें इस कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आज एक मंच पर नजर आएंगे.
बता दें कि प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी अपने पिता के कार्यक्रम में शामिल होने पर सवाल उठाए हैं. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक ट्वीट कर लिखा है कि प्रणब मुखर्जी नागपुर जाकर आप बीजेपी और आरएसएस को झूठी खबरें प्लांट करने, अफवाहें फैलने की खुली छूट दे रहे हैं. उन्होंने लिखा आरएसएस कभी यह कल्पना भी नहीं करेगा कि आप अपने भाषण में उनके विचारों का समर्थन करेगे. उन्होंने कहा आप नागपुर जाकर ‘बीजेपी एवं आरएसएस को फर्जी खबरें बनाने और अफवाहें फैलाने’ की सुविधा मुहैया करा रहे हैं. लेकिन भाषण को भुला दिया जाएगा और तस्वीरें रह जाएंगी.
Hope @CitiznMukherjee now realises from todays’ incident, how BJP dirty tricks dept operates. Even RSS wouldn’t believe that u r going 2 endorse its views in ur speech. But the speech will be forgotten, visuals will remain & those will be circulated with fake statements. 1/2
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) June 6, 2018
इस कार्यक्रम को लेकर सियासी घमसान जारी है. कांग्रेस लगातार आलोचना कर रही है. कांग्रेस के कई नेताओं की सोच है कि इस तरह से आरएसएस की विचारधारा को और बल मिलेगा. वहीं कांग्रेस हमेशा से आरएसएस के खिलाफ बोलती आई है. नाराजगी का आलम ऐसा है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश, रमेश चेन्नीथला और सी के जाफर शरीफ ने चिठ्ठी लिखकर कार्यक्रम में न शामिल होने की अपील कर चुके हैं. अहमद पटेल ने तो ट्वीट कर लिखा है कि मैंने प्रणब दा से ये उम्मीद नहीं की थी.
I did not expect this from Pranab da ! https://t.co/VBqXZ8x7SE
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) June 6, 2018
बता दें कि राष्ट्रपति बनने से पहले जिंदगी भर कांग्रेस के साथ रहे मुखर्जी गुरुवार को नागपुर में आरएसएस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने वाले है. आरएसएस के मंच पर यह उनका पहला भाषण होगा जिसकी वह अतीत में एक से अधिक बार आलोचना कर चुके हैं. शायद इसीलिए, उनके द्वारा आरएसएस का निमंत्रण स्वीकार करने के बाद विवाद पैदा हो गया. हालांकि, वह नागपुर में क्या बोलने वाले हैं, इसका सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा है कि वह जो भी कहेंगे, उसके बारे में पता उनके संबोधन के बाद ही चल पाएगा.