कश्मीर का हाल भी हो जाएगा गाजा जैसा... फारूक अब्दुल्ला बोले- भारत-पाकिस्तान बातचीत से हल करें मसला

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, अगर हम बातचीत से कोई समाधान नहीं ढूंढते हैं तो हमारा हाल भी गाजा और फिलिस्तीन जैसा ही होगा, जहां इजराइल लगातार 81 दिन से बमबारी कर रहा है. अब्दुल्ला पिछले हफ्ते पुंछ में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र कर रहे थे.

Farooq Abdullah | PTI

श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिए विवादों को खत्म नहीं करते हैं तो कश्मीर का भी गाजा और फिलिस्तीन जैसा ही हाल हो जाएगा. फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा, अगर हम बातचीत से कोई समाधान नहीं ढूंढते हैं तो हमारा हाल भी गाजा और फिलिस्तीन जैसा ही होगा, जहां इजराइल लगातार 81 दिन से बमबारी कर रहा है. अब्दुल्ला पिछले हफ्ते पुंछ में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र कर रहे थे. J&K: बारामूला में आतंकियों की कायराना हरकत, अजान दे रहे रिटायर्ड SSP की गोली मारकर की हत्या.

फारूक अब्दुल्ला ने कहा सेना के अधिकारियों को बदलने से पुंछ में हिरासत में हुई आम नागरिकों की मौत के मामले का समाधान नहीं होगा. अब्दुल्ला ने यह पता लगाने के लिए जांच का आह्वान किया कि सेना द्वारा हिरासत में लिए गए निर्दोष लोगों को इतना 'प्रताड़ित' क्यों किया गया कि उनकी मौत हो गयी. अब्दुल्ला पिछले हफ्ते पुंछ में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र कर रहे थे.

बता दें कि पुंछ जिले में पिछले गुरुवार को सेना के वाहनों पर आतंकवादियों द्वारा किए गए भीषण हमले के बाद सेना द्वारा पूछताछ के लिए उठाए गए तीन नागरिक मृत मिले थे. अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ शांतिप्रिय आठ नागरिकों को हिरासत में लिया गया और उनमें से तीन को बहुत बेरहमी से पीटा गया और उनके घावों पर मिर्च पाउडर छिड़का गया. उनमें से तीन यह यातना सहन नहीं कर सके और उन्होंने दम तोड़ दिया. पांच अन्य लोग अस्पताल में हैं. पीड़ितों में से एक का भाई सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में है और पिछले 24 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहा है...अब उसका कहना है कि उसे देश के प्रति अपनी सेवाओं के बदले में भाई की मौत मिली है. ’

उन्होंने कहा, ‘‘सेना प्रमुख ने उत्तरी कमान के कमांडर को भी यहां से देहरादून स्थित अकादमी भेजा है, लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं होगा. इसकी जांच होनी चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ? यदि निर्दोष लोग, जिनका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है, इस तरह से मारे जाते हैं तो '' हम किस भारत में रह रहे हैं''. ’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘क्या यह महात्मा गांधी का भारत है जहां हम शांति से रह सकते हैं? नफरत इतनी फैल गई है कि हिंदू और मुसलमान खुद को एक-दूसरे का दुश्मन समझते हैं.’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म होने के भारतीय जनता पार्टी के दावों को खारिज कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘ चार साल पहले, गृह मंत्री ने चेन्नई में एक भाषण दिया था जहां उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद- 370 जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए जिम्मेदार था. अब कश्मीर में आतंकवाद खत्म होगा और विकास परवान चढ़ेगा. चार साल बाद उन्होंने संसद में भाषण दिया और कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है. ये कितना झूठ बोल रहे हैं. आतंकवाद खत्म नहीं हुआ है, बढ़ता ही जा रहा है. प्रशिक्षित आतंकवादी आ रहे हैं और वे पकड़े नहीं जाते. निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. ’’

भारत के पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की जरुरत को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में अब्दुल्ला ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रसिद्ध बयान का उल्लेख किया कि ''हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम पड़ोसियों के साथ दोस्ती में रहेंगे तो हम दोनों समृद्ध होंगे लेकिन अगर हम दुश्मनी में रहेंगे तो हम तेजी से प्रगति नहीं कर पाएंगे. मोदी जी ने भी कहा है कि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है और मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करना होगा. वह संवाद कहां है? ’’

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