Whatsapp जासूसी विवाद: सोनिया गांधी ने की मोदी सरकार की आलोचना तो जेपी नड्डा ने ऐसे किया पलटवार 

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की कथित जासूसी के मसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां न सिर्फ गैरकानूनी एवं असंवैधानिक हैं, बल्कि शर्मनाक भी हैं. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का भी आरोप लगाया.

जेपी नड्डा और सोनिया गांधी (Photo Credits-Facebook)

नई दिल्ली. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने शनिवार को कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की कथित जासूसी के मसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां न सिर्फ गैरकानूनी एवं असंवैधानिक हैं, बल्कि शर्मनाक भी हैं. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार (Modi Government) पर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का भी आरोप लगाया. सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के इस बयान पर बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने पलटवार किया है.

जेपी नड्डा (JP Nadda) ने कहा कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को बताना चाहिए कि यूपीए सरकार के समय तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) और तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह (General V K Singh) की जासूसी का आदेश आखिर किसने दिया था. यह भी पढ़े-प्रियंका गांधी ने इजराइली स्पाईवेयर जासूसी को लेकर मोदी सरकार पर बोला हमला, कहा- ये मानवाधिकारों का उल्लंघन है

जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी के बयान पर किया पलटवार-

जेपी नड्डा यही नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि इस विषय पर सोनिया का बयान ‘झूठा तथा देश को गुमराह करने के इरादे से दिया गया' है. इसलिए बीजेपी इस झूठे बयान की कड़ी निंदा करती है. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने इस मसले पर अपना रूख पहले ही साफ कर दिया है.

गौरतलब है कि इससे पहले प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने मोदी सरकार पर जासूसी को लेकर हमला बोला था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि अगर बीजेपी या सरकार ने पत्रकारों, वकीलों, कार्यकर्ताओं और नेताओं की जासूसी के लिए इजरायली एजेंसियों को लगाया है, तो यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर आघात है.

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