नई दिल्ली, 17 दिसंबर. बंगाल (West Bengal) में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. इससे पहले ही सूबे की सियासत गरमा गई है. बीजेपी और टीएमसी एक दुसरे पर लगातार हमलावर हैं. राज्य में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP Chief JP Nadda) के काफिले पर हमले के बाद से ही बयानबाजी का दौर दोनों तरफ से शुरू है. नड्डा के काफिले पर हमले के बाद गृह मंत्रालय ने लापरवाही के आरोप में बंगाल के तीन अफसरों को लेकर बड़ा फैसला लिया था. गृह विभाग ने इन्हें दिल्ली बुलाया है. इसी बीच सूबे की ममता सरकार (Mamata Govt) ने इन्हें डेप्युटेशन पर भेजने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही केंद्र को कहा कि दम है तो राष्ट्रपति शासन लगाकर दिखाए.
बता दें कि टीएमसी का कहना है कि वो इन तीनों अफसरों को डेप्युटेशन पर नहीं भेजने वाली है. केंद्र में अगर हिम्मत है तो वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाकर दिखाए. केंद्र के इस कदम से राज्य की ममता सरकार पूरी तरह से बौखला गई है . तीनों अधिकारी जिन्हें केंद्र ने दिल्ली बुलाया है वे पश्चिम बंगाल कैडर के हैं. यह भी पढ़ें-West Bengal: बीजेपी-TMC में बढ़ी रार, जेपी नड्डा पर हुए हमले के बाद गृह मंत्रालय ने 3 IPS अफसरों को दिल्ली बुलाया
ANI का ट्वीट-
TMC says #WestBengal govt will not release 3 IPS officers for central deputation, dares Centre to impose President's Rule in the state
— Press Trust of India (@PTI_News) December 17, 2020
ज्ञात हो कि केंद्र ने जिन तीन अधिकारियों को बुलाया है उसमें राजीव मिश्र, प्रवीण कुमार त्रिपाठी और भोलानाथ पांडे का समावेश है. गृह मंत्रालय इ इन्हें तत्काल दिल्ली बुलाया हुआ है. इससे पहले जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले और सुरक्षा में कोताही को लेकर केंद्र ने बंगाल के डीजीपी और गृह सचिव को तलब किया था.