यूपी: प्रकाश राजभर ने BJP पर साधा निशाना, कहा- सीएम योगी ने 17 पिछड़ी जातियों के साथ किया छल
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Omprakash Rabahr) ने राज्य की भाजपा सरकार पर 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाने के नाम पर छल किया है.
लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Omprakash Rabahr) ने राज्य की भाजपा सरकार पर 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाने के नाम पर छलने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर वाकई इन जातियों को न्याय दिलाना चाहते हैं तो केन्द्र के पास प्रस्ताव भेजकर उसे पारित कराएं. उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजभर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा ने प्रदेश की 13 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में फायदा लेने के लिये 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल करने का नाटक रचा. उन्होंने योगी पर निशाना साधते हुए कहा, ''मुख्यमंत्री होते हुए भी आपको यह जानकारी नहीं है कि इस संबंधी प्रस्ताव संसद में पारित होना होगा, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होंगे.
भाजपा सिर्फ यही चाहती थी कि यह मामला अदालत में जाए और उसने अपने ही एक आदमी गोरखनाथ को खड़ा करके अदालत से रोक लगवा दी, ताकि जनता के बीच जाकर यह कहा जा सके कि भाजपा तो चाहती थी कि 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करें, लेकिन अदालत ने उस पर रोक लगा दी है. प्रदेश के पूर्व पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने कहा, ''हम मुख्यमंत्री से कहेंगे कि अगर आप वास्तव में इन जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाना चाहते हैं तो प्रदेश सरकार की तरफ से एक प्रस्ताव अपनी ही पार्टी की केन्द्र सरकार के पास भेजें और सवर्ण आरक्षण की तरह 72 घंटे में इन 17 पिछड़ी जातियों को भी अनुसूचित जातियों में शामिल करवाएं, तब मैं मानूंगा। नहीं तो हम यही समझेंगे कि आप लोग जुमलेबाजी और झूठ बोलने में माहिर हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा जुमलों की पार्टी है। अगर मुख्यमंत्री 17 जातियों को हिस्सा देना चाहते हैं तो प्रदेश सरकार से प्रस्ताव भेजकर लोकसभा और राज्यसभा से पारित क्यों हीं करवा देते, राष्ट्रपति की मुहर क्यों नहीं लगवा देते. तब उसके खिलाफ कोई भी अदालत में नहीं जाता. गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 17 ओबीसी जातियों कहार, कश्यप, केवट, निषाद, बिंद, भर, प्रजापति, राजभर, बाथम, गौर, तुरा, माझी. मल्लाह, धीमर और मछुआ को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने की राज्य सरकार की अधिसूचना पर सोमवार को रोक लगा दी थी.