लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और युवा कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) ने बुधवार को भाजपा (BJP) का दामन थाम लिया. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए इसे एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. हरियाणा की निजी नौकरियों में आरक्षण उप्र, बिहार और बंगाल के युवाओं का अपमान: जितिन प्रसाद
जितिन प्रसाद के बीजेपी में आने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुशी जताई, जबकि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर उनके आने से यूपी में पार्टी को मजबूती मिलेने की बात कही. उन्होंने ट्वीट कर कहा “कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के वृहद परिवार में शामिल होने पर श्री जितिन प्रसाद जी का स्वागत है. जितिन प्रसाद जी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से उत्तर प्रदेश में पार्टी को अवश्य मजबूती मिलेगी.”
ज्ञात हो कि जितिन प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के पुत्र हैं जिन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं. जितिन प्रसाद कभी राहुल गांधी के करीबी हुआ करते थे. लेकिन वह उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी.
दिल्ली: भाजपा में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे। https://t.co/hgczYDT2WZ pic.twitter.com/33hkZJrNaJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 9, 2021
पत्र से जुड़े विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसे लेकर विवाद भी हुआ था. हालांकि असंतुष्ट होने के बावजूद, उन्हें पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के अभियान का जिम्मा सौंपा गया, जो निराशाजनक रहा. पार्टी के खिलाफ एक स्टैंड लेते हुए उन्होंने पश्चिम बंगाल में भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आईएसएफ) के साथ कांग्रेस के गठबंधन का विरोध किया था.
आपके स्नेह, अपनेपन से अभिभूत हूँ। भाविष्य में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी,राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे.पी. नड्डा,आपने एवं भाजपा परिवार ने जो विश्वास मुझ पर व्यक्त किया है उस पर पूर्ण रूप से खरा उतरने का प्रयास करूँगा।🙏 @AmitShah https://t.co/gy9BY2bag4
— Jitin Prasada जितिन प्रसाद (@JitinPrasada) June 9, 2021
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने वाले जितिन प्रसाद को जितिन ने 2004 में शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था और उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में इस्पात राज्यमंत्री बनाया गया था. इसके बाद उन्होंने 2009 में धौरहरा सीट से जीत दर्ज की. इसके बाद उन्होंने संप्रग सरकार में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग और मानव, संसाधन विकास राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली.
बीजेपी में शामिल होना जितिन प्रसाद की मर्जी है, उनका भविष्य
यहां (कांग्रेस) में था। लेकिन उनका जाना अच्छा नहीं क्योंकि उनके पिता जी भी कांग्रेस में पहले से थे फिर भी उन्होंन ऐसा निर्णय लिया..ये दुर्भाग्य है: कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे pic.twitter.com/aFHzaCAwUw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 9, 2021
प्रसाद को 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में तिलहर सीट से हाथ आजमाया लेकिन इसमें भी उन्हें निराशा ही मिली. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी धौरहरा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी से ब्राह्मणों का एक बड़ा तबका नाराज चल रहा है. यह नाराजगी खासतौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बताई जा रही है. ऐसे में जितिन प्रसाद का बीजेपी में आना ब्राह्मणों के बीच अच्छा संदेश भेजना है.
बता दें उनके पिता जितेंद्र प्रसाद उत्तर प्रसाद में एक प्रमुख 'ब्राह्मण' चेहरा थे, जिन्होंने 1999 में सोनिया गांधी के नेतृत्व को चुनौती दी थी और पार्टी प्रमुख के पद के लिए उनके खिलाफ चुनाव लड़ा था. 2002 में उनका निधन हो गया था. (एजेंसी इनपुट के साथ)