यूएनजीए में अपने संबोधन में विकास, जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं PM मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी (Photo Credits-ANI Twitter)

शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करेंगे जिसमें वह विकास, सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक कार्रवाई तथा जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जर्मन चांसलर एंजिला मर्केल जैसे विश्व के शीर्ष नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकातें कीं. वह संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को हिंदी में संबोधित कर सकते हैं.

प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह अमेरिका यात्रा के लिए प्रस्थान करते हुए अपने बयान में कहा था 1945 में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के समय से उसके संस्थापक सदस्य के नाते भारत ने दुनिया में शांति और सुरक्षा बढ़ाने तथा समावेशी आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक स्तरों पर काम करने की अटूट प्रतिबद्धता जताई है. मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में वह नयी दिल्ली के इस रुख को दोहराएंगे कि इस वैश्विक मंच में सुधार किया जाए जहां भारत अपनी उचित भूमिका निभा सके. यह भी पढ़ें- संयुक्त राष्ट्र में नरेंद्र मोदी के संबोधन से पहले नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन

विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में आतंकवाद के मुद्दे पर ही नहीं, बल्कि भारत की उपलब्धियों और इसकी वैश्विक भूमिका को रेखांकित करेंगे. गोखले ने यह भी बताया कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाना एक आंतरिक विषय है और यह संयुक्त राष्ट्र एजेंडा से बाहर है.

कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिशें पाकिस्तान द्वारा तेज कर देने के मद्देनजर गोखले ने कहा, ‘‘यदि वह अपने प्रधानमंत्री (इमरान खान) के भाषण में इस मुद्दे को शामिल करना चाहते हैं तो ऐसा करने के लिए उनका स्वागत है.’’ गोखले ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 एक आंतरिक विषय है, इस पर संरा में कोई चर्चा नहीं होगी, हम इस पर कोई चर्चा नहीं करेंगे.'’