Tripura Assembly Polls: त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए आज होगा मतदान, 26 साल पहले विस्थापित हुए रियांग आदिवासी भी डालेंगे वोट

3,337 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान होगा, जिनमें से 1,100 की पहचान संवेदनशील और 28 की अतिसंवेदनशील के रूप में पहचान की गई है.

(Photo Credit : Twitter)

Tripura Assembly Election 2023, 16 फरवरी: गुरुवार यानि आज त्रिपुरा में विधानसभा की 60 सीटों के लिए मतदान होगा. चुनाव आयोग की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मतदान सुबह सात बजे से शुरू होगा और शाम चार बजे तक समाप्त होने की उम्मीद है. वोटों की गिनती दो मार्च को मेघालय और नगालैंड में इस महीने के अंत में हुए चुनावों के साथ होगी. 3,337 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान होगा, जिनमें से 1,100 की पहचान संवेदनशील और 28 की अति संवेदनशील के रूप में पहचान की गई है.

26 साल पहले जातीय समस्याओं के कारण मिजोरम से विस्थापित हुए कुल 14,005 रियांग आदिवासी गुरुवार को त्रिपुरा में पहली बार वोट डालेंगे, अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. 14,005 मतदाता उन 37,136 रियांग आदिवासियों का हिस्सा हैं, जो अक्टूबर 1997 में और बाद के वर्षों में त्रिपुरा भाग गए और उत्तर त्रिपुरा के कंचनपुर और पानीसागर उपखंडों में राहत शिविरों में शरण ली. चुनाव अधिकारियों ने कहा कि रियांग आदिवासी, जिन्हें स्थानीय रूप से ब्रू कहा जाता है, चार जिलों के विभिन्न मतदान केंद्रों पर अपना वोट डालेंगे. Tripura Election 2023: त्रिपुरा वोटिंग आज, क्या बीजेपी का किला ढहा पाएगी कांग्रेस-लेफ्ट की जोड़ी?

केंद्रीय गृह मंत्रालय, मिजोरम और त्रिपुरा सरकारों और रियांग आदिवासियों के बीच 16 जनवरी, 2020 को हस्ताक्षरित चार-पक्षीय समझौते के अनुसार, 6,959 परिवारों वाले 37,136 आदिवासियों को त्रिपुरा के विभिन्न जिलों में बसाया जाएगा और विस्थापित लोगों में से 21,703 पात्र मतदाताओं को त्रिपुरा की चुनावी सूची में नामांकित किया जाएगा.

एक चुनाव अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, चूंकि पुनर्वास प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है, इसलिए सभी 21,703 पात्र मतदाताओं के नाम त्रिपुरा की मतदाता सूची में शामिल नहीं किए जा सके हैं. 14,005 नामांकित नामों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि उनके निस्तारण के बाद उनके नाम पर आवश्यक दस्तावेज जारी किए जा रहे हैं. राजस्व और राहत विभाग के अधिकारियों ने रियांग आदिवासियों से जल्द से जल्द अपने आवास शिविरों में आने का अनुरोध किया. त्रिपुरा के आठ जिलों में से चार- उत्तरी त्रिपुरा, धलाई, गोमती और दक्षिण त्रिपुरा में 12 स्थानों पर रियांग आदिवासियों का पुनर्वास किया जा रहा है.

राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने कहा, पिछले साल 31 अगस्त तक इन विस्थापित रियांग आदिवासियों के पुनर्वास का लक्ष्य कई भूमि संबंधी मुद्दों, वन भूमि की मंजूरी, ताजा परेशानियों, पुनर्वास के खिलाफ आंदोलन और कई अन्य मुद्दों के कारण हासिल नहीं किया जा सका.

विस्थापित आदिवासियों के शीर्ष निकाय मिजोरम ब्रू डिसप्लेस्ड पीपुल्स फोरम (एमबीडीपीएफ) ने सरकार से आदिवासियों के पुनर्वास में तेजी लाने का आग्रह किया है. केंद्र सरकार ने त्रिपुरा में आदिम जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त रियांग आदिवासियों के पुनर्वास के लिए 600 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी.

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