![Emergency: आपातकाल पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री का कांग्रेस पर ट्रिपल अटैक, पीएम मोदी ने कहा- इमरजेंसी लगाने वालों को देश की जनता ने नकार दिया Emergency: आपातकाल पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री का कांग्रेस पर ट्रिपल अटैक, पीएम मोदी ने कहा- इमरजेंसी लगाने वालों को देश की जनता ने नकार दिया](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2024/06/75-18-380x214.jpg)
Emergency: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आपातकाल (Emergency) की 50वीं एनिवर्सरी पर पर कांग्रेस और राहुल गांधी पर ट्रिपल अटैक किया है. पीएम मोदी ने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि आज उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया था. आपातकाल के काले दिन हमें याद दिलाते हैं कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया था और भारत के संविधान को रौंद दिया था.
जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया, वह उसी पार्टी में बहुत ज्यादा जीवित है जिसने इसे लगाया था. वे अपने दिखावे के जरिए संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं, लेकिन भारत के लोगों ने उनकी हरकतों को देख लिया है. इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार कांग्रेस को नकार दिया है.
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आपातकाल लगाने वालों को देश की जनता ने नकार दिया है: PM मोदी
Prime Minister Narendra Modi tweets "Today is a day to pay homage to all those great men and women who resisted the Emergency. The dark days of Emergency remind us of how the Congress Party subverted basic freedoms and trampled over the Constitution of India which every Indian… pic.twitter.com/00Ry0E4cAP
— ANI (@ANI) June 25, 2024
पीएम मोदी आगे लिखा- आपातकाल लगाने वालों को हमारे संविधान के प्रति अपने प्रेम को दर्शाने का कोई अधिकार नहीं है. ये वही लोग हैं, जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 थोपा, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने वाला विधेयक पारित किया, संघवाद को नष्ट किया और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया. सत्ता पर काबिज रहने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेलखाना बना दिया. कांग्रेस से असहमत होने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया गया और परेशान किया गया. सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाने के लिए सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियां लागू की गईं.
आपातकाल को संविधान बदलने की कोशिश बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. उन्होंने एक्स पर लिखा कि देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है. साल 1975 में आज के ही दिन कांग्रेस के द्वारा लगाया गया आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. अहंकार में डूबी, निरंकुश कांग्रेस सरकार ने एक परिवार के सत्ता सुख के लिए 21 महीनों तक देश में सभी प्रकार के नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी थी, संविधान में बदलाव किए और न्यायालय तक के हाथ बांध दिए थे. आपातकाल के खिलाफ संसद से सड़क तक आंदोलन करने वाले असंख्य सत्याग्रहियों, समाजसेवियों, श्रमिकों, किसानों, युवाओं व महिलाओं के संघर्ष को नमन करता हूं.
लोकतंत्र की हत्या करना कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है: अमित शाह
देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है। साल 1975 में आज के ही दिन कांग्रेस के द्वारा लगाया गया आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
अहंकार में डूबी, निरंकुश कांग्रेस सरकार ने एक परिवार के सत्ता सुख के लिए 21 महीनों तक देश में सभी… pic.twitter.com/puZbzdGdzp
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2024
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी आपातकाल को लेकर एक्स के जरिए कांग्रेस पर निशाना साथा. उन्होंने लिखा कि आज के ठीक 49 साल पहले भारत में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल लगाया गया था. आपातकाल हमारे देश के लोकतंत्र के इतिहास का वह काला अध्याय है जिसे चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता. सत्ता के दुरुपयोग, और तानाशाही का जिस तरह खुला खेल उस दौरान खेला गया, वह कई राजनीतिक दलों की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर बहुत बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है.
आपातकाल देश के लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय: राजनाथ सिंह
आज के ठीक 49 साल पहले भारत में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल लगाया गया था। आपातकाल हमारे देश के लोकतंत्र के इतिहास का वह काला अध्याय है जिसे चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता। सत्ता के दुरुपयोग, और तानाशाही का जिस तरह खुला खेल उस दौरान खेला गया, वह कई राजनीतिक दलों की…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 25, 2024
अगर आज इस देश में लोकतंत्र जीवित है तो उसका श्रेय उन लोगो को जाता है जिन्होंने लोकतंत्र की बहाली के संघर्ष किया, जेल गये और न जाने कितनी शारीरिक और मानसिक यातना से उन्हें गुज़रना पड़ा. भारत की आने वाली पीढ़ियाँ उनके संघर्ष और लोकतंत्र की रक्षा में उनके योगदान को याद रखेंगीं.