Amit Shah On New Criminal Laws: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आजादी के करीब 77 साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी हो रही है. आज इस कानून के लागू होने के साथ ही औपनिवेशिक कानून खत्म हो जाएगा. 'दंड' की जगह अब 'न्याय' होगा. देरी की जगह अब त्वरित सुनवाई और त्वरित न्याय होगा. पहले सिर्फ पुलिस के अधिकार सुरक्षित थे, अब पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे.
''नए आपराधिक कानूनों को लेकर लोकसभा में 9.29 घंटे की चर्चा हुई और 34 सदस्यों ने उसमें भाग लिया. राज्यसभा में 6 घंटे से अधिक चर्चा हुई और 40 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया. विपक्ष का यह आरोप झूठा है कि सदस्यों को निलंबित किए जाने के बाद यह विधेयक लाया गया''
3 नए आपराधिक कानूनों पर विपक्ष फैला रहा झूठ: अमित शाह
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "आजादी के करीब 77 साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से 'स्वदेशी' हो रही है। यह भारतीय लोकाचार पर कार्य करेगा। 75 साल बाद इन कानूनों पर विचार किया गया और आज से जब ये कानून लागू हुए हैं तो अंग्रेज के कानून निरस्त होकर… pic.twitter.com/6kHsOJxmX9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 1, 2024
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे बताया कि विधेयक पहले से ही व्यापार सलाहकार समिति के समक्ष सूचीबद्ध था. मेरा दृढ़ विश्वास है कि विपक्ष पहले से ही सदन का बहिष्कार कर रहा था, शायद वे चर्चा में भाग नहीं लेना चाहते थे. नए आपराधिक कानूनों में हमने संविधान की भावना के अनुरूप धाराओं और अध्यायों की प्राथमिकता तय की है. पहली प्राथमिकता महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों (अध्यायों) को दी गई है. मेरा मानना है कि यह बहुत पहले किया जाना चाहिए था. 35 धाराओं और 13 प्रावधानों वाला एक पूरा अध्याय जोड़ा गया है. अब सामूहिक बलात्कार पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास होगा. नाबालिग से बलात्कार पर मृत्युदंड होगा. पहचान छिपाकर या झूठे वादे करके यौन शोषण के लिए एक अलग अपराध परिभाषित किया गया है. पीड़िता का बयान उसके घर पर महिला अधिकारियों और उसके अपने परिवार की मौजूदगी में दर्ज करने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा ऑनलाइन एफआईआर की सुविधा भी दी गई है. इस तरह से महिलाओं को शर्मिंदगी से बचाया जा सकता है.
शाह ने कहा कि नए दृष्टिकोण के साथ, ये तीन कानून आधी रात से लागू हो गए हैं. अब भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS) होगी. दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) होगी. भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) होगा. नए आपराधिक कानूनों के तहत पहला मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दर्ज किया गया था. मामला रात 12.10 बजे दर्ज किया गया. यह मोटरसाइकिल चोरी का मामला था. इसके बाद दिल्ली के कमला मार्केट थाने में नए कानूनों के तहत दूसरा मामला दर्ज हुआ.