उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने रविवार को अपने दस दिग्गज नेताओं को पार्टी से बाहर जाने का रास्ता दिखा दिया. इससे पहले उन्हें बैठकें आयोजित करने और पार्टी के निर्णयों की आलोचना करने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया था. 21 नवंबर को नेताओं को भेजे गए नोटिस पर जवाब 24 घंटों के भीतर मांगा गया था, लेकिन नेताओं ने नोटिस का जवाब देने से इनकार कर दिया. इसके बाद अब उन्हें अनुशासन समिति द्वारा पूर्व विधायक अजय राय, श्याम किशोर शुक्ला और इमरान मसूद के हस्ताक्षर वाले निष्कासन नोटिस भेजे गए हैं.
जिन नेताओं को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया गया है, उनमें पूर्व सांसद संतोष सिंह, हाजी सिराज मेहंदी, पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी और सत्यदेव त्रिपाठी, राजेंद्र सिंह सोलंकी, भूदर नारायण मिश्रा, हाफिज मोहम्मद उमर, विनोद चौधरी, नेकचंद्र पांडे, स्वयं प्रकाश गोस्वामी और संजीव सिंह शामिल हैं. कदम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ नेता त्रिपाठी ने कहा, "14 नवंबर को हम पूर्व सांसद संतोष सिंह के घर पर गए और पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि दी. हमने पार्टी के मामलों पर चर्चा की और इसमें कुछ भी गलत नहीं है."
उन्होंने आगे कहा, "पार्टी हाईकमान के साथ चीजों पर चर्चा करना अनुशासनहीनता नहीं है और अगर वर्तमान नेतृत्व ऐसा सोचता है, तो मुझे कुछ नहीं कहना है." पूर्व विधायक हाजी सिराज मेहंदी ने आईएएनएस से कहा, "हम सभी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य हैं और राज्य इकाई के पास हमें ऐसा नोटिस भेजने की शक्ति नहीं है." यह भी पढ़ें- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेताओं का दावा, अजीत पवार रविवार शाम तक दे सकते हैं इस्तीफा
पार्टी में वर्तमान में जिस तरह से सभी वरिष्ठ नेताओं को नई समिति द्वारा दरकिनार किया जा रहा था, उस पर असंतोष व्यक्त करने के लिए वरिष्ठ नेताओं ने हाल ही में बैठकें की थीं.