Tamil Nadu Lok Sabha Exit Poll Results 2019: तमिलनाडु में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन ने बीजेपी-एआईएडीएमके को पछाड़ा

लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण का मतदान पूरा होने के बाद अब सभी राज्यों के एग्जिट पोल सामने आने लगे है. 17वीं लोकसभा के गठन के लिये सात चरण में 11 अप्रैल से 19 मई तक मतदान हुए.

तमिलनाडु एग्जिट पोल (File Photo)

Tamil Nadu Exit Poll Predictions: लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण का मतदान पूरा होने के बाद अब सभी राज्यों के एग्जिट पोल सामने आने लगे है. 17वीं लोकसभा के गठन के लिये सात चरण में 11 अप्रैल से 19 मई तक मतदान हुए. सभी सीटों पर मतगणना 23 मई को होगी. हालांकि यह एग्जिट पोल लोकसभा चुनाव का अंतिम रिजल्ट नहीं है. इससे केवल जनता के मूड को थोडा हद तक समझा जा सकता है. इसी कड़ी में हम आपको 39 संसदीय सीटों वाले तमिलनाडु (Tamil Nadu) राज्य का एग्जिट पोल बताने जा रहे है.

तमिलनाडु में कुल 39 सीटें हैं लेकिन 18 अप्रैल को 38 सीटों के लिए वोट डाले गए. इस दौरान राज्य में 63 फीसदी से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया. सूबे की वेल्लोर सीट पर बड़ी संख्या में अवैध नगदी मिलने के कारण राष्ट्रपति ने चुनाव रद्द कर दिया. दरअसल चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से इसके लिए सिफ़ारिश की थी.

तमिलनाडु के चुनावी इतिहास पर नजर डाले तो ऐसा पहली बार हो रहा है जब तमिल राजनीति में राष्ट्रीय पहचान वाला कोई नेता नहीं है. यहीं वजह है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव के जरिए राज्य में पांव जमाने की फिराक में है. इसलिए बीजेपी एआईएडीएमके (ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) के साथ मिलकर जनता के बीच तेजी से प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में जुटी हुई है. जबकि कांग्रेस और डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) एकसाथ चुनावी मैदान में उतारी है.

आइए देखते हैं एग्जिट पोल के आंकड़े-

आजतक-

बीजेपी गठबंधन (एनडीए): 4

कांग्रेस गठबंधन (यूपीए): 34-38

ABP:

बीजेपी: 1

एआईएडीएके: 6

कांग्रेस: 7

डीएमके: 13

News 18-

बीजेपी: 1-2

एआईएडीएमके: 8-10

कांग्रेस: 3-5

डीएमके: 12-14

तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जहां फ़िल्मी सितारों ने पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मृत्यु तक लगभग 50 सालों तक शासन किया है. तमिलनाडु में साल 2014 के आम चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता के नेतृत्व वाली एआईएडीएमके ने 37 पर जीत का परचम लहराया. जबकि बीजेपी को केवल एक सीट पर सफलता मिली. वहीं एस रामदास के नेतृत्व वाली पट्टली मक्कल काची (पीएमके) ने भी एक सीट अपने नाम किया. जबकि राज्य के प्रमुख विपक्षी दल द्रमुक (डीएमके) तत्कालीन पार्टी संरक्षक एम करुणानिधि के नेतृत्व में खाता भी नहीं खोल सकी. आपको बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और पीएमके ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बैनर तले चुनाव लड़ा था.

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