Bangladesh Violence: बांग्लादेश की तरह ही हो सकती है भारत में स्थिति, सज्जन वर्मा के विवादित बोल
बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद अब भारत में बयानबाजी तेज हो गई है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा, “श्रीलंका और बांग्लादेश के बाद अब भारत का नंबर है.”
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद अब भारत में बयानबाजी तेज हो गई है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा, “श्रीलंका और बांग्लादेश के बाद अब भारत का नंबर है.” कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा ने ये बयान बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को चुनौती देते कहा, “आज मैंने आह्वान किया कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन यादव और कैलाश विजयवर्गीय सुन लें. कल बांग्लादेश की जनता प्रधानमंत्री आवास में घुस गई और छह महीने पहले श्रीलंका की जनता प्रधानमंत्री आवास में घुस गई थी.”
उन्होंने कहा, “देश की जनता से अब भ्रष्टाचार सहन नहीं हो रहा है. इसलिए अब वे उनके घरों में भी घुस जाएगी. श्रीलंका और बांग्लादेश के बाद भारत का नंबर आएगा.” इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने भी बांग्लादेश के हालात को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि जो बांग्लादेश में हुआ है, वह भारत में भी हो सकता है. बता दें कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी बहन के साथ गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में रुकी हुई हैं. मंगलवार को दिन भर हिंडन एयर बेस में वीवीआईपी मूवमेंट देखने को मिला. यह भी पढ़ें: Mallikarjun Kharge On NCRT Books: राज्यसभा में खड़गे ने कहा पुस्तकों से हटाई गई संविधान की प्रस्तावना, जेपी नड्डा ने दी प्रतिक्रिया
बांग्लादेश एंबेसी की कई गाड़ियां भी हिंडन एयरबेस के अंदर जाती हुई दिखाई दी. सूत्रों की मानें तो जल्द ही शेख हसीना के मूवमेंट का प्लान बन सकता है, जिसके लिए लगातार तैयारी की जा रही है. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट होने के बाद से देशभर में हिंसा जारी है. इस हिंसा में 20 अवामी लीग नेताओं समेत 29 लोगों के शव मिले हैं. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ये मौतें बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और सोमवार को उनके देश से चले जाने के बाद हुई हैं. हिंसा प्रभावित सतखीरा में कम से कम 10 लोग मारे गए और कोमिल्ला में भीड़ के हमलों में 11 अन्य लोगों की जान चली गई.