ऑपरेशन ब्लू स्टार की 34वीं बरसी पर स्वर्ण मंदिर की बढ़ाई गई सुरक्षा, जानिए क्या था मामला और क्यों आयी इसकी नौबत
तत्कालीन PM इंदिरा गांधी के आदेश पर सेना का यह ऑपरेशन मुख्य तौर पर 3 से 8 जून 1984 तक चला था. नतीजा यह हुआ कि इंदिरा गांधी को उनके दो सिख अंगरक्षकों ने गोली मार दी थी.
अमृतसर: आज ही के दिन पंजाब के स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया गया था. आज ऑपरेशन ब्लू स्टार की 34वीं बरसी के अवसर पर पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किेए गए हैं. बता दें कि ऑपेरशन ब्लू स्टार अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से अलगाववादियों को खाली कराने का अभियान था, जो बीते 3 वर्षों से वहां डेरा जमाए बैठै थे. तत्कालीन PM इंदिरा गांधी के आदेश पर सेना का यह ऑपरेशन मुख्य तौर पर 3 से 8 जून 1984 तक चला था. नतीजा यह हुआ कि इंदिरा गांधी को उनके दो सिख अंगरक्षकों ने गोली मार दी थी.
जानकारी के अनुसार पुलिस और सेना के 3000 से ज्यादा जवान स्वर्ण मंदिर और इसके आसपास के इलाकों में तैनात किए गए हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अमृतसर हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और बाईपास के साथ-साथ शहर में प्रवेश और निकास मार्गों पर भारी संख्या में पुलिस बल लगाए गए हैं.
वही ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन ने मंदिर परिसर में खालिस्तान के समर्थन में नारें लगाए.
#जानिए क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार?
बता दें कि 3 से 6 जून 1984 को पंजाब के अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में ऑपरेशन ब्लू स्टार को चलाया गया था. गौरतलब है कि यह ऑपरेशन स्वर्ण मंदिर में डेरा बनाए आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिय चलाया गया था.
इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य अलग खालिस्तान की मांग करने वाले भिंडरावाला और उसके समर्थकों को स्वर्ण मंदिर से बाहर निकालने को लिए चलाया गया था जो मंदिर परिसर में छिप कर बैठे हुए थे.