राहुल गांधी हमारे नेता हैं और रहेंगे, उनके साथ लेन-देन वाला रिश्ता नहीं है: गुलाम नबी के इस्तीफे पर बोले सलमान खुर्शीद

लमान खुर्शीद ने कहा "अगर इनके करियर पर हम नज़र दौड़ाएं तो बहुत बार इन्होंने ऐसी बात कही होंगी और हर बार इनको कुछ मिलता था. अगर एक बार नहीं मिला तो वह नाराज़ हो गए."

गुलाम नबी (Ghulam Nabi Azad) के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने कहा "आज ऐसी क्या बात हो गई की वह नाराज़ हो गए? किसी बात पर उठकर चले जाना ठीक नहीं है. हमारी पार्टी की जो सोच है और अगर उस सोच को भुलाकर अगर कोई एक दम से नया रास्ता अपना रहा है, उसको वह रास्ता मुबारक. हम जैसे लोग पार्टी से नहीं जाएंगे. Ghulam Nabi Azad के समर्थन में 5 पूर्व विधायकों ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, क्या घाटी में कमजोर होगी कांग्रेस?

सलमान खुर्शीद ने कहा "अगर इनके करियर पर हम नज़र दौड़ाएं तो बहुत बार इन्होंने ऐसी बात कही होंगी और हर बार इनको कुछ मिलता था. अगर एक बार नहीं मिला तो वह नाराज़ हो गए. मैं नहीं समझता कि अगर मुझे कुछ नहीं मिला तो मैं पार्टी को नुकसान पहुंचाऊंगा. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) हमारे नेता हैं और रहेंगे, उनके साथ लेन-देन वाला रिश्ता नहीं है."

जी. एम. सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम ने "गुलाम नबी आजाद के समर्थन में" कांग्रेस से इस्तीफा दिया. आपको बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफा देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम 5 पन्नों का लेटर जारी किया है.

इस लेटर में उन्होंने कहा "कांग्रेस ने संघर्ष और सही दिशा में लड़ाई लड़ने की इच्छाशक्ति खो चुकी है. ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस को देशभर में जोड़ने की कवायद की जानी चाहिए थे. दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में आने के बाद जब उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था, उन्होंने कांग्रेस के कार्य करने के तौर-तरीकों को खत्म कर दिया. उन्होंने संपूर्ण सलाहकार तंत्र को ध्वस्त कर दिया. इसके साथ ही राहुल का प्रधानमंत्री द्वारा जारी किया गया अध्यादेश फाड़ना उनकी अपरिवक्ता दिखाता है. इससे 2014 में हार का सामना करना पड़ा."

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