कश्मीर पर सैफुद्दीन सोज के बयान पर मचा बवाल, संबित पात्रा ने कहा-एक पाकिस्तान कांग्रेस में भी

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने एक बयान का सैफुद्दीन ने समर्थन करते हुए कहा है कि मैं उनकी बातों से समर्थन रखता हूं कि कश्मीर में रहने वालों को अगर मौका मिलें तो वह भारत या पाकिस्तान का हिस्सा बनने की बजाय आजाद होकर ज्यादा पंसद करेंगे.

कश्मीर पर सैफुद्दीन सोज के बयान पर मचा बवाल (Photo Credit-ANI)

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज के आजाद कश्मीर को लेकर दिए गए बयान पर राजनातिक माहौल गर्मा गया है. सोज के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. बताना चाहते है कि सोज के बयान पर बीजेपी और शिवसेना ने निंदा की है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्विटर के जरिए सोज और कांग्रेस पर वार किया. पात्रा ने लिखा कि लश्कर ए तैयबा ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान का पहले ही समर्थन कर दिया है और अब सैफुद्दीन सोज ने आजाद कश्मीर का राग अलापा है. पात्रा ने लिखा कि एक पाकिस्तान भारत के बाहर है और एक पाकिस्तान कांग्रेस के अंदर ही है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने एक बयान का सैफुद्दीन ने समर्थन करते हुए कहा है कि मैं उनकी बातों से समर्थन रखता हूं कि कश्मीर में रहने वालों को अगर मौका मिलें तो वह भारत या पाकिस्तान का हिस्सा बनने की बजाय आजाद होकर ज्यादा पंसद करेंगे.

दूसरी तरफ पात्रा ने इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के उस बयान पर भी हमला बोला. जिसमें आजाद ने कहा था कि सेना के ऑपरेशन में आतंकी कम और नागरिक ज्यादा मारे जा रहे हैं.

बीजेपी नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने कांग्रेसी नेता के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जो भारत के संविधान को मानते हुए यहां रहना चाहते है रहें लेकिन अगर कोई मुशर्रफ़ को पसंद करता है तो उनका पाकिस्तान जाने का वन वे टिकट बना दिया जाएगा.

वही एनडीए में शामिल शिवसेना ने भी कांग्रेस पर हमला बोला. शिवसेना नेता मनीषा कयांदे ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सैफुद्दीन सोज के बयान पर टिप्पणी करनी चाहिए. अगर सोज को पाकिस्तान और मुशर्रफ से इतना ही लगाव है तो उन्हें पाकिस्तान जाकर उनका ही नौकर बन जाना चाहिए.

बता दें कि कांग्रेस नेता सोज ने कहा कि जम्मू कश्मीर में शांति के लिए केंद्र सरकार को हुर्रियत और अलगाववादी नेताओं से बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि घाटी में बिना हुर्रियत और अलगाववादियों के समर्थन के शांति बहाल करना नामुमकीन सा काम है.

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