महाराष्ट्र: साईं बाबा के धाम शिरडी में बंद हुआ खत्म, सीएम उद्धव ठाकरे के बयान से उठा था विवाद
साईं बाबा के जन्मस्थल को लेकर चल रहे विवाद के बाद शिरडी में बंद का आह्वान किया था. जिसके कारण वहां गए यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस दरम्यान श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट (Shri Saibaba Sansthan Trust) ने आए हुए भक्तों के लिए प्रसादालय से चालू रखा था. वहीं दर्शन के लिए मंदिर को आम जनता के लिए खुला रखा था. वहीं खबर अब यह आ रही है कि स्थानीय लोगों ने कल का बंद वापस ले लिया है. 20 जनवरी को शिरडी में कोई बंद नहीं होगा. स्थानीय लोगों ने यह फैसला लिया है. इस मसले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठकारे ने कल एक बैठक बुलाई है.
नासिक:- साईं बाबा के जन्मस्थल को लेकर चल रहे विवाद के बाद शिरडी में बंद का आह्वान किया था. जिसके कारण वहां गए यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस दरम्यान श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट (Shri Saibaba Sansthan Trust) ने आए हुए भक्तों के लिए प्रसादालय से चालू रखा था. वहीं दर्शन के लिए मंदिर को आम जनता के लिए खुला रखा था. वहीं खबर अब यह आ रही है कि स्थानीय लोगों ने कल का बंद वापस ले लिया है. 20 जनवरी को शिरडी में कोई बंद नहीं होगा. स्थानीय लोगों ने यह फैसला लिया है. इस मसले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठकारे ने कल एक बैठक बुलाई है.
बता दें कि शिरडी के साईं बाबा (Shirdi Sai Baba) के दरबार में अपनी मुरादे लेकर देश और दुनिया से तमाम भक्त साई दरबार में आते हैं. ऐसे में बंद होने के कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ी. शिरडी के साईं बाबा का दर्शन कर हर साल लाखों की संख्या में भक्त आते हैं और बड़ा चढ़ावा भी उनके कदमों में अर्पण करते हैं. अनिश्चितकालीन बंद रविवार को शुरू हुआ था. लेकिन शाम होते-होते शिर्डी बंद को खत्म करने का ऐलान कर दिया गया. इससे वहां पर मौजूद भक्तों और दर्शन के जाने वाले सभी लोगों में खुशी है.
इस बयान से उठा विवाद
दरअसल सीएम उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) का बयान उस वक्त तूल पकड़ गया, जब उन्होंने परभणी जिले के पाथरी में साईं बाबा जन्मस्थान पर सुविधाओं का विकास करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने की घोषणा किया था. उन्होंने शिर्डी को साईं बाबा की कर्मभूमि और पाथरी को जन्मभूमि कहा था. जिसके बाद शिरडी के स्थानी लोगों ने उद्धव के इस बयान का विरोध करना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि साईं बाबा ने खुद अपने जीवनकाल में कभी जन्मभूमि या जाति का जिक्र नहीं किया था.
ऐसी है प्राचीन मान्यता
बहरहाल, प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, साईं बाबा का जन्म 28 सितंबर 1835 को महाराष्ट्र के पाथरी नाम के गांव में हुआ था. हर साल 28 सितंबर को श्रद्धालु धूमधाम से साईं बाबा का जन्मदिन मनाते हैं. कहा जाता है कि 16 साल की उम्र में ही साईं बाबा महाराष्ट्र के शिरडी ग्राम पहुंचे और यहां वो एक फकीर के तौर पर अपना जीवन व्यतीत करने लगे. हालांकि उनके माता-पिता के असली नाम के बारे में कोई नहीं जानता है.