RLD प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद का इस्तीफा, बोले- आंतरिक तानाशाही से गठबंधन फ्लॉप, टिकट बेचने का भी लगाया आरोप

यूपी चुनाव में टिकट बेचने, टिकट देने में मनमानी करने, दलितों और मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए RLD के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने पार्टी छोड़ दी है. उन्होंने जयंत चौधरी को चिट्ठी लिख कर सारी बातें बताई हैं.

जयंत चौधरी व मसूद अहमद (Photo Credit : Twitter)

UP, 19 मार्च: यूपी विधानसभा चुनाव के बाद राष्‍ट्रीय लोकदल को एक बड़ा झटका लगा है. आईएलडी के प्रदेश अध्यक्ष (RLD UP President) डॉक्टर मसूद अहमद ने शनिवार को पद से इस्तीफा (Masood Ahmed Resigned) दे दिया है. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) को भेजे गए पत्र में टिकट बेचने और चुनाव में दलितों और अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का आरोप लगाया है. पत्र में उन्होंने कहा "गठबंधन जीता हुआ चुनाव अपनी गलतियों से हारा है. गठबंधन में शामिल नेताओं की चुनाव (UP Election 2022) में कोई मदद नहीं ली गई. उनका कोई उपयोग नहीं हुआ." BJP खेमे में शमिल होंगे ओपी राजभर? समाजवादी पार्टी से दूर जाने की अटकलों पर सुभासपा चीफ ने किया ये खुलासा

अपने त्यागपत्र में उन्होंने लिखा " मैं चौधरी अजित सिंह जी के आवाहन पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधती चरण सिंह जी के मूल्यों तथा जाट मुस्लिम एकता के साथ किसानों, शोषित, वंचित वर्गों के अधिकार के लिये संघर्ष हेतु 2015-2016 में रालोद में सम्मिलित हुआ और तन मन धन से पार्टी के लिये समर्पित होकर कार्य करता रहा. वर्ष 2016-2017 में चौधरी अजित सिंह जी ने विश्वास व्यक्त करते हुए मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, जिसके बाद संगठन कार्यो में कड़ी मेहनत कर मजबूत करने के लिये अथक प्रयास पार्टी के बुरे दौर में किया मेरे कई बार चेतावनी देने पर भी श्री चंद्रशेखर रावण जी को अपमानित किया गया, जिससे नाराज़ होकर दलित वोट गठबंधन से छिटक कर बीजेपी में चला गया और गठबंधन को अपूरणीय नुकसान हुआ.

इस्तीफे में आगे उन्होंने लिखा "आपने (जयंत चौधरी) तथा अखिलेश जी ने सुप्रीमो कल्चर को अपनाते हुए संगठन को दर किनार कर दिया. रालोद तथा सपा के नेताओं का उपयोग प्रचार में नहीं किया गया. पार्टी के समर्पित पासी तथा वर्मा नेताओं का उपयोग नहीं किया गया, जिससे चुनाव में ये मत छिटक गए. जौनपुर सदर जैसी सीटों पर परचा भरने के आखिरी दिन तीन तीन बार टिकट बदले गए. एक एक सीट पर सपा के तीन-तीन उमीदवार हो गए. इससे जनता में गलत सन्देश गया. नतीजा ये की ऐसी कम से काम 50  सीटें हम 200 से लेकर 10 हजार मतों के अंतर से हार गए.

डॉक्टर मसूद अहमद ने आगे कहा "धन संकलन के चक्कर में प्रत्याशियों का एलान समय रहते नहीं हुआ. बिना तैयारी के चुनाव लड़ा गया. सभी सीटों पर लगभग आखिरी दिन परचा भरा गया. पार्टी कार्यकर्तों में रोष उत्पन्न हुआ और वह चुनाव के दिन सुस्त रहे. कीमती समय में सभी कार्यकर्ता लखनऊ व दिल्‍ली आप तथा अखिलेश जी के चरणों में पड़े रहे और चुनाव की कोई तैयारी नहीं हो पायी. अखिलेश जी ने जिसको जहां मर्जी आई धन संकलन करते हुए टिकट दिए, जिससे गठबंधन बिना बूथ अध्यक्षों के चुनाव लड़ने पर मजबूर हुआ. उदाहरण के तौर पर स्वामी प्रसाद मौर्या जी को बिना सूचना के फ़ाज़िल नगर भेजा गया और वह चुनाव हार गए. अखिलेश जी और आपने डिक्टेटर की तरह कार्य किया, जिससे गठबंधन को हार का मुंह देखना पड़ा. मेरा आपको यह सुझाव है की जब तक अखिलेश जी बराबर का सम्मान नहीं देते तब तक गठबंधन स्थगित कर दिया जाए.

यूपी चुनाव परिणाम में RLD की स्थिती
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (SP) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) का गठबंधन फेल हो गया. जाट वोट सपा को ट्रांसफर नहीं हुए हैं. लेकिन आरएलडी अपने मकसद में कामयाब होती दिखाई नजर आई. RLD ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज की थी और उसे महज 1.78 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन 2022 के यूपी चुनाव परिणाम (UP Election Result 2022) में वो 8 सीटों पर जीत गई है. उसका वोट परसेंट बढ़कर 2.85 फीसदी तक पहुंच गया है.
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