महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा जारी: रामदास आठवले ने संजय राउत से बातचीत में पेश किया नया फार्मूला, बोले- 3 साल बीजेपी तो 2 साल शिवसेना का हो सीएम
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर अभी भी सियासी ड्रामा जारी है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि राज्य में किस पार्टी की सरकार बनेगी. इसी सियासी उठापटक के बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का एक बयान आया है
मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर अभी भी सियासी ड्रामा जारी है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि राज्य में किस पार्टी की सरकार बनेगी. इसी सियासी उठापटक के बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) का एक बयान आया है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सूबे में सरकार गठन को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) से उनकी बात हुई है. उन्होंने राज्य में तीन साल बीजेपी तो दो साल शिवसेना के सीएम के लिए फॉर्मूला सुझाया है. जिस पर उन्होंने कहा कि बीजेपी इस पर राजी होती है तो शिवसेना इस बारे में विचार करेगी.
बता दें कि महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम आने के बाद से ही सरकार बनाने को लेकर सियासी संकट शुरू है. शिवसेना का कहना है कि वह राज्य में कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलाकर सरकार बनाएगी. तीनों दलों के बीच गठित होने वाली उनकी सरकार पूरे पांच साल राज्य में सरकार चलाएगी. वहीं बीजेपी शिवसेना के इन बयानों को लेकर वह भी चुप नहीं हैं. उनके नेताओं का भी कहना है कि महाराष्ट्र की राजनीतिक पार्टियां कितना भी कोशिश कर लें, राज्य में बीजेपी की ही सरकार बनेगी क्योंकि उनके पास निर्दलीय विधायकों का मिलाकर 119 का आकड़ा है. लेकिन राज्य में अब तक किसी भी पार्टी की सरकार बनती हुई नजर नहीं आ रही है. यह भी पढ़े: शिवसेना-NCP-कांग्रेस के बीच हुए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने दिया बयान, कहा- पार्टी 25 सालों तक करेगी राज
रामदास अठावले भले ही कह रहे है कि उन्होंने बीजेपी- शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर उनकी संजय राउत से बात हुई है और उन्होंने उन्हें एक नया फार्मूला सुझाया है. जिस पर वे राजी हो गए हैं. लेकिन मौजूदा राजनीति को देखे तो दोनों पार्टी के नेताओं के बीच बयान बाजी का सिलसिला इतना बढ़ा गया है कि वह शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर राजी नहीं होगी. ज्ञात हो कि महाराष्ट्र में बीजेपी- शिवसेना मिलाकर चुनाव लड़ी थी. बीजेपी को जहां 105 सीटों पर जीत हासिल हुई तो तो वहीं शिवसेना को 56 सीटें मिली.