Ram Vilas Paswan Dies: केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में निधन, मंझे हुए राजनेता देश के 6 प्रधानमंत्रियों के साथ किया है काम, जानें उनका राजनीतिक सफर
केन्द्रीय मंत्री व लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रमुख रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की तबियत पिछले कुछ दिन से ठीक नहीं चल रही थी. उन्हें हार्टअटैक और किडनी बीमारी की वजह से दिल्ली के दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. जहां पर अस्पताल के डॉक्टर पिछले कुछ दिन से उनका इलाज कर रहे रहे थे. उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने के चलते आज उनका निधन हो गया. उनके निधन पर हर कोई शोक जताते हुए श्रधांजली दे रहा है.
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान की तबियत पिछले कुछ दिन से ठीक नहीं चल रही थी. उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन और किडनी संबंधित बीमारी की वजह से दिल्ली फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल (Fortis Escorts Hospital) में भर्ती करवाया गया है. जहां पर अस्पताल के डॉक्टर पिछले कुछ दिन से उनका इलाज कर रहे थे. उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने के चलते आज उनका निधन हो गया. उनके निधन पर हर कोई शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दे रहा है.
रामविलास पासवान का आज निधन जरूर हो गया. लेकिन वे राजनीतिक माहौल को भांप लेने की काबिलियत रखने वाले रामविलास पासवान के नाम 6 प्रधानमंत्रियों की कैबिनेट में मंत्री के तौर पर काम करने की अनूठी उपलब्धि जुड़ी है. इसलिए पासवान के बारे में कहा जाता है कि ‘ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर’ इस कहावत को चरितार्थ करने वाले मृदुभाषी पासवान छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुके हैं. 1996 से 2015 तक केन्द्र में सरकार बनाने वाले सभी राष्ट्रीय गठबंधन चाहे यूपीए हो या एनडीए, का वह हिस्सा बने. यह भी पढ़े: Chirag Paswan Letter: चिराग ने लिखा भावुक पत्र, रामविलास पासवान की तबीयत नाजुक, ICU में चल रहा है इलाज, पापा रोज बिमारी से लड़ रहे हैं
पासवान के राजनीतिक सफर की की बात करने तो इनकी शुरुआत 1960 के दशक में बिहार विधानसभा के सदस्य के तौर पर हुई और आपातकाल के बाद 1977 के लोकसभा चुनावों से वह तब सुर्खियों में आए, जब उन्होंने जनता पार्टी से हाजीपुर सीट (Hajipur Seat) से 4 लाख वोटों के रिकार्ड अंतर से जीत हासिल की. वहीं 1989 में जीत के बाद वह वीपी सिंह की कैबिनेट में पहली बार शामिल किए गए और उन्हें श्रम मंत्री बनाया गया, एक दशक के भीतर ही वह एचडी देवगौडा और आईके गुजराल की सरकारों में रेल मंत्री बने.
रामविलास पासवान 1990 के दशक में जिस ‘जनता दल’ धड़े से जुड़े थे, उसने भारतीय जनता पार्बीटी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का साथ दिया और वह संचार मंत्री बनाए गए और बाद में अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में वह कोयला मंत्री बने. वे मनमोहन सिंह के सरकार में मंत्री रहने के साथ ही मोदी सरकार के 2014 और 2019 के कार्यकाल में उन्हें कैबिनेट में जगह मिली. मौजूदा समय में वे मोदी सरकार में केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री हैं
साल 2000 में जनता दल से अलग होकर LJP का किया गठन:
रामविलास पासवान सन दो हजार से पहले भले ही जनता दल से चुनाव लड़ते आए. लेकिन उन्होंने साल 2000 में खुद की पार्टी की स्थापना की. जिसका नाम उन्होंने रखा लोक जनशक्ति पार्टी . जिसके बाद से ही वह अपनी खुद की पार्टी से चुनाव लड़ते आ रहे हैं.
जानें राम विलास पासवान का व्यक्तिगत जीवन
केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 में उनके पैतृक गांव खगड़िया जिले के अलौली स्थित शहरबन्नी गांव में हुआ. स्कूली और कॉलेज की पढाई पूरी होने के बाद उनकी शादी 1960 में राजकुमारी देवी के साथ हुई थी. दोनों के बीच कुछ साला बाद विवाद होने के बाद उन्हें 1981 में पत्नी को तलाक देकर दूसरी शादी 1983 में रीना शर्मा से कर ली. उनकी दोनों पत्नियों से तीन पुत्रियां और एक पुत्र है. उन्होंने कोसी कॉलेज खगड़िया और पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की. पटना विश्वविद्यालय से उन्होंने एमए और लॉ ग्रेजुएट की डिग्री ली.