Rajasthan Congress Crisis: सीएम अशोक गहलोत के साथ बैठक में मौजूद थे लगभग  75 विधायक, पायलट कैंप के MLA के खिलाफ सरकार ले सकती है एक्शन, रिपोर्ट
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Photo Credits: IANS)

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके डिप्टी सचिन पायलट के गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई अपने चरम पर पहुंच गई है. पूरे देश की नजरें अब सचिन पायलट पर टिकी हैं, ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह क्या अब सचिन पायलट भी विरोध का बिगुल फूंक देंगे. कुछ रिपोर्ट इस बात की तरफ अब इशारा भी करने लगी हैं. जैसे कि कहा गया कि सचिन पायलट के समर्थन में 30 से अधिक विधायक हैं. जो उनका साथ देने के लिए तैयार हैं. फिर वहीं सोमवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट के न आने की खबर सामने आई. वहीं सचिन पायलट ने इस दौरान अपने पुराने साथ ज्योतिरादित्य सिंधियां से फोन पर बात भी की. इन सब के बीच राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के साथ बैठक में 75 विधायक मौजूद थे. बाकी विधायक कहां गए अब इसपर सवाल उठने लगे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक गहलोत सरकार पायलट कैंप के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है.

बता दें कि कल विधायक दल की बैठक होनी है. इसके लिए दोनों नेता दिल्ली से जयपुर आए हैं. दोनों सीएम अशोक गहलोत के आवास पर अभी रणदीप सिंह सुरजेवाला और अजय माकन मौजूद हैं. वहीं प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने दावा करते हुए कहा है कि अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने वाले सफल नहीं होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो दिनों से उनकी बात सचिन पायलट से नहीं हो पाई है. यही कारण हैं कि उन्होंने मैसेज छोड़ दिया है. यह भी पढ़ें:-Rajasthan Congress Crisis: कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे सचिन पायलट, 30 से ज्यादा विधायकों है समर्थन.

ANI का ट्वीट:- 

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जानें सचिन पायलट क्यों हुए नाराज

दरअसल राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिराने कथित रूप से विधायकों को रिश्वत देने के मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने एक साथ दो नोटिस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को बयान दर्ज कराने के लिए थमा दिए. एसओजी के एडिशनल एसपी ने ये नोटिस 10 जुलाई को दिए, जिसमें उन्होंने कहा कि वे पायलट का सीआरपीसी की धारा 160 के तहत बयान दर्ज करना चाहते हैं. सूत्रों के मुताबिक इस नोटिस ने उपमुख्यमंत्री को नाराज कर दिया जिसे गहलोत के इशारे पर भेजा गया है, क्योंकि गृह विभाग उन्हीं के पास है.