Rajasthan Political Crisis: बीएसपी ने जारी किया व्हिप, अपने विधायकों को दिए कांग्रेस के खिलाफ वोटिंग के निर्देश

बीएसपी ने राजस्थान में अपनी पार्टी से चुने गए छह विधायकों को कांग्रेस के खिलाफ वोट करने का निर्देश जारी किया है. ये 6 विधायक 2018 के विधानसभा चुनावों में बीएसपी के टिकट पर जीते थे और इन्होने कांग्रेस को समर्थन दिया था.

मायावती (Photo Credits: PTI)

जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी संकट (Rajasthan Political Crisis) मे लगातार नए मोड़ आ रहे हैं. इसी क्रम में रविवार को बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने एक "व्हिप" जारी किया. बीएसपी ने राजस्थान (Rajsthan) में अपनी पार्टी से चुने गए छह विधायकों को कांग्रेस के खिलाफ वोट करने का निर्देश जारी किया है. ये 6 विधायक 2018 के विधानसभा चुनावों में बीएसपी के टिकट पर जीते थे और इन्होने कांग्रेस को समर्थन दिया था.

बीएसपी ने अपने बयान में यह भी दावा किया कि सभी छह विधायकों को एक अलग नोटिस जारी कर सूचित किया गया था कि राजस्थान में कांग्रेस के साथ उनका विलय वैध नहीं है. व्हिप पर मायावती (Mayawati)  के नेतृत्व वाली पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र (Satish Mishra) ने हस्ताक्षर किए हैं. यह भी पढ़ें: राजस्थान के सियासी घमासान पर कांग्रेस नेता पीसी शर्मा बोले- 70 साल के इतिहास में पहली बार मंत्रिमंडल फ्लोर टेस्ट देना चाहता है, लेकिन मंजूरी नहीं मिल रही.

बीएसपी ने व्हिप जारी किया 

बयान में कहा गया है, "क्योंकि बीएसपी एक मान्यता प्राप्त 'राष्ट्रीय पार्टी' है, ऐसे विलय संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत केवल तभी संभव है जब पूरी पार्टी सभी राज्यों और केंद्र में कांग्रेस के साथ विलय कर रही हो." बीएसपी के टिकट जो पर छह विधायक चुने गए थे वो हैं- आर. गुढ़ा, लखन सिंह, जेएस अवाना, संदीप कुमार, दीप चंद, और वाजिब अली. इन विधायकों ने विधानसभा चुनावों में जीत के बाद कांग्रेस के साथ विलय कर लिया था.

बीएसपी द्वारा यह व्हिप राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच आया है जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दावा कर रहे हैं कि उन्हें 102 विधायकों के समर्थन हासिल है. ऐसे में बीएसपी का यह व्हिप सीएम गहलोत की टेंशन बढ़ा सकता है. दूसरी और सीएम राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर चुके हैं. बता दें कि राजस्थान में यह सियासी संकट इस महीने के शुरू में बर्खास्त डिप्टी सीएम सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों के विद्रोह से शुरू हुआ था.

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